Seraikela-Kharsawan : ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के गाँव में बने ज्यादातर जल्मिनारें सफ़ेद हठी साबित हो रही है। नीर निर्मल योजना के तहत बनाई गयी यह जल मीनारें खराब पड़ी हुई है। जिससे ग्रामीणों को एक बुंद पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। अब पिलीद, आदारडीह, आमड़ा, चीतरी सहित दर्जनों गांवों मे बने जलमीनारें मात्र एक दर्शन का बस्तु बनकर रह गए है। यह जलमीनारें करीब 4 बर्ष पूर्व लाखों की लागत से बनाई गई थी। कुछ समय तक चलने के बाद मात्र 6-7 माह में ही यह ख़राब हो गई। देख रेख के अभाव में यह मीनारें आज भी मरम्मती की बाट जोह रहे है। इसकी सुधि लेने के लिए किसी ने भी पहल नहीं की। न ही विभाग और न ही पंचायत प्रतिनिधि व जन प्रतिनिधि ने ही इस पर सज्ञान लिया और इसे ठीक कराने मे किसी तरह का दिलचस्पी दिखाई। सरकार ने गांवों में ग्रामीणों को शुद्ध जल आपूर्ति हेतु जल मीनारों का निर्माण तो करावा दिया पर लोगों को पेय जल उपलब्ध कराने में पूरी तरह से असफल रही। पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है सिर्फ चुनाव का डुगडुगी बजनी बाकी है। पंचायत प्रतिनिधियों का समय समाप्त होने को है मगर इतने बड़े परियोजना को चालु कराकर लोगों को पेय जल तक उपलब्ध नही करा पाना कई सवाल खड़ा करता है।