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जमशेदपुर : आर्थिक तंगी से चिन्मया-एमएनपीएस स्कूल के गिटार टीचर के शेखर राव ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, तीन दिनों से थे तनाव में, छूट गई थी नौकरी
जमशेदपुर : टेल्को के चिन्मया विद्यालय और बिष्टूपुर के एमएनपीएस विद्यालय में गिटार बजाकर परिवार चलाने वाले 45 वर्षीय के शेखर राव ने अपने मकान की छत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना रविवार की रात 9.30 बजे की है। के शेखर राव बिरसानगर जोन नंबर 2 के रहने वाले थे। उनकी स्कूल की नौकरी कोरोना काल की शुरूआत में ही छूट गई थी। वे आर्थिक तंगी में तनाव में चल रहे थे।
रात 9.30 बजे लोटे थे घर
गिटार टीचर रविवार की रात 9.30 बजे शराब पीकर अपने घर पर लौटे थे। पत्नी के तुलसी ने सोचा था कि शायद वे छत पर टहलने के लिए गए होंगे। कुछ देर बाद जब पति को बुलाने छत पर पहुंची, तब देखा कि वे एक पाइप के सहारे केबुल वायर से फंदे पर झूल रहे हैं। इसके बाद शोर मचाकर पड़ोस के लोगों को बुलाया और पति को फंदे से उतारकर एमजीएम अस्पताल पहुंचाया। यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
कुछ दिनों से शराब पीना शुरू किया था
के शेखर राव के बारे में परिवार के लोगों ने बताया कि उन्होंने कुछ दिनों से शराब पीना शुरू कर दिया था। तनाव को दूर करने के लिए तीन दिनों से वे कुछ ज्यादा ही शराब पी रहे थे। रविवार की रात जब वे घर पर लौटे, तब भी अत्यधिक शराब पी रखी थी।
कोरोना काल में ही फाइनांस कराया था टीवी
के शेखर राव ने कोरोना काल में ही एक टीवी फाइनांस कराया था। टीवी का किस्त भी वे चुका नहीं पा रहे थे। इस कारण से भी वे तनाव में थे। कुछ माह पहले ही अपने पिता के प्रभाकर राव को ईलाज के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां पर 40 हजार रुपए किसी तरह से चुकाया था।
बच्चों का स्कूल फीस भी बना था बोझ
उसके दो बच्चे हैं। दोनों की स्कूल फीस और व अन्य तरह की फीस दे पाने में के शेखर राव सक्षम नहीं थे। इस कारण से वे पिछले कुछ माह से तनाव में चल रहे थे। ऐसे में आर्थिक तंगी उन्हें घेर रखा था। स्कूल फीस, टीवी का किस्ती चुकाना और घर का खर्चा चलाना उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं था।