चरणजीत सिंह, जमशेदपुर
आज के समय में सोशल मीडिया का चलंत दुनिया में चरम पर है. कुछ लोग सोशल मीडिया को बकवास कहते हैं, लेकिन कभी कभार यह सोशल नेटवर्क कुछ ऐसा कमाल कर जाता है जिससे किसी का भला हो जाता है. ऐसा ही एक मामला नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस (12802) ट्रेन में देखना को मिला. दरअसल, तीन दिन पहले गाड़ी संख्या 12802 में कार्य करने के दौरान पुरी के टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई) राजेश कुमार को कोच संख्या ए-1 की सीट नंबर 31 पर बेडरोल में लिपटा हुआ एक पर्स मिला. उन्होंने कोच अटेंडेंट से पूछा तो उसने बताया कि उक्त बर्थ के यात्री तो भुवनेश्वर में ही उतर गये. फिर क्या था टिकट चेकिंग स्टाफ ने पर्स को अपने पास हिफाजत में रख लिया और चार्ट के सहारे यात्री का विवरण निकाला. चूंकि पर्स में यात्री कोई भी संपर्क सूत्र नहीं मिला था, लेकिन यात्री की एक पासपोर्ट साइज फोटो जरुर मिली थी. इसके बाद टिकट चेकिंग स्टाफ ने फेसबुक पर यात्री का नाम ढूंढना शुरू किया और फोटो से मिलान कर यात्री को मैसेज किया. फेसबुक पर टीटीई और यात्री के बीच मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान हुआ, जिसके बाद यात्री से टीटीई का संपर्क हो गया. यात्री को उनके सहुलियत अनुसार पुरी रेलवे स्टेशन पर बुलाकर सत्यापन के बाद टीटीई राजेश ने उनका खोया पर्स लौटा दिया. टीटीई की ईमानदारी के यात्री राजेश कायल हो गए. उन्होंने इसके लिए टीटीई के साथ साथ पूरे रेलवे परिवार का आभार व्यक्त किया. यात्री राजेश कुमार की ईमानदारी की सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर तारीफ हो रही है. वहीं, इंडिया रेलवे टिकट टेकिंग स्टॉफ आर्गेनाइजेशन के फेसबुक के अकाउंट पर भी टीटीई राजेश कुमार की ईमानदारी की खूब प्रशंसा हो रही है.