चाईबासा।
गोइलकेरा में एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग को लेकर जन आंदोलन किया जाएगा। यह आंदोलन क्षेत्र की विधायक व कैबिनेट मंत्री जोबा माझी के नेतृत्व में होगा। रविवार को नागरिक एकता मंच गोइलकेरा की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
रेल चक्का जाम को लेकर 4 मार्च को होगा निर्णय
बैठक में व्यापक स्तर पर आंदोलन के लिए रणनीति बनाई गई। इसके तहत आगामी 4 मार्च को गोइलकेरा से नागरिक एकता मंच से जुड़े तमाम लोग और ग्रामीण चक्रधरपुर में मंत्री जोबा माझी से मिलकर आंदोलन को सफल बनाने पर विचार-विमर्श करेंगे। बैठक के दौरान विधायक प्रतिनिधि अकबर खान ने फोन पर मंत्री जोबा माझी को इसकी जानकारी देते हुए बैठक में मौजूद लोगों से बात कराई।
इस रेल आंदोलन का नेतृत्व करने पर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान की है। बैठक में कहा गया कि रेलवे से कोरोना से पहले की तरह सभी एक्सप्रेस ट्रेनों का गोइलकेरा में ठहराव देने की मांग की जाएगी। मांगें पूरी नहीं होने मंत्री के निर्देश पर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। बैठक में लक्ष्मण मेलगांडी, साकेत कुमार वाजपेयी, मुखिया गणेश बोदरा समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
दो वर्ष पूर्व भी हो चुका है रेल चक्का जाम अंदोलन
मालूम रहे की गोइलकेरा में एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज बहाल करने की मांग को लेकर 3 फरवरी 2021 को नागरिक एकता मंच के बैनर तले साढ़े छह घंटे तक रेल चक्का जाम किया गया था। सीकेपी डिवीजन के सीनियर डीसीएम मनीष पाठक के साथ आंदोलनकारियों की वार्ता के बाद चक्का जाम खत्म कर दिया गया था। लेकिन वार्ता में जिन मांगों पर सीनियर डीसीएम ने सहमति जताई थी, रेलवे ने उसे पूरा नहीं किया। इस धोखेबाजी के कारण रेलवे के खिलाफ नागरिकों में अब तक आक्रोश है।
कोरोना के पूर्व इन ट्रेनों का होता था ठहराव
कोरोना के नाम पर बंद किए गए ट्रेनों का स्थिति सामान्य होने के बाद फिर से परिचालन तो शुरू किया गया, लेकिन गोइलकेरा स्टेशन से स्टॉपेज हटा दिया गया। इनमें शालीमार-कुर्ला एक्सप्रेस, पूरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस, दानापुर-दुर्ग दक्षिण बिहार एक्सप्रेस, हावड़ा-टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस और टाटा-अलेप्पी एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं। ट्रेनों का स्टॉपेज हटा दिए जाने से क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रभावित हुई है। छात्र, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी, मरीज से लेकर मेहनत मजदूरी करने वालों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बार हुए बामड़ा रेल आन्दोलन से गोईलकेरा वासियों बहुत बड़ा सन्देश मिला है. आन्दोलन के बगैर अब गरीबों को भी रेल सुविधा नहीं मिलने वाली है.