जमशेदपुर। जमशेदपुर के करीब दो हजार कुष्ठ रोग पीड़ित परिवार को पिछले दो माह से राशन नही मिल रहा है।
कुष्ठ पीड़ितों को राशन डीलर द्वारा बिना अंगूठा लगाए राशन नही देने की बात कही गयी है।
झारखंड सरकार के इस निर्देश के बाद से शहर के देवनगर, बर्मामाइंस, बिस्टुपुर, पार्वती घाट के पास रहने वाले हजारों
कुष्ठ रोग पीड़ित परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
कुष्ठ पीड़ितों की इन समस्याओं को लेकर भाजपा नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल के नेतृत्व
में कुष्ठ पीड़ितों ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की।
इस दौरान भाजपा सीतारामडेरा मंडल के अध्यक्ष सुरेश शर्मा भी मौजूद थे।
जिला सभागार में जिला उपायुक्त द्वारा नियुक्त पदाधिकारी डीएम लॉ एंड आर्डर, डीटीओ दिनेश रंजन, राशन विभाग के
विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी के साथ सौरव सिन्हा एवं मार्केटिंग ऑफिसर की उपस्थिति में पवन अग्रवाल ने कुष्ठ
रोगियों को राशन लेने में आ रही परेशानी से अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी नए आदेश के बाद से कुष्ठ आश्रम में निवास करने वाले हजारों कुष्ठ पीड़ित परिवार
के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में ऑफलाईन सरकारी राशन प्राप्त होता था क्योंकि इनमें से अधिकांश लोग दिव्यांग है, जिनके
हाथ और पैर भी सामान्य स्थिति में नहीं है।
राशन डीलर द्वारा कहा गया कि दिसंबर माह से बिना फिंगर प्रिंट के राशन नहीं दिया जा सकता जो कि अमानवीय
निर्णय है।
पवन अग्रवाल ने हेमंत सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार कुष्ठ पीड़ितों की संवेदना का
मखौल उड़ा रही है।
उन्होंने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कुष्ठ रोग पीड़ितों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का निर्माण
का उन्हें राशन दिया जाता था।
परंतु ऐसे नियमों से शहर के हजारों गरीब परिवारों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
वार्ता के दौरान सक्षम पदाधिकारियों की ओर से आश्वस्त किया गया कि मार्केटिंग ऑफिसर के माध्यम से सात दिनों में
ऑफलाइन व्यवस्था के तहत राशन वितरण की प्रकिया बहाल की जाएगी।
पवन अग्रवाल ने बताया कि अगर सात दिन बाद पुरानी व्यवस्था के अनुरूप ऑफलाइन राशन वितरण नही होने से
उपायुक्त कार्यालय के समक्ष भिक्षाटन कर विरोध जताया जाएगा।
इस दौरान भाजपा सीतारामडेरा मंडल अध्यक्ष सुरेश शर्मा, कुष्ठ आश्रम के गौरा चंद्र प्रामाणिक, मितरु प्रधान, श्याम गोप, जवाहर पासवान, सानदो वघार, जुगेश्वर साहा, कृष्णा अदावर, प्रसुन्न कर्मी, रूपन महतो, दृष्टा महतो, सचि राजवार समेत अन्य उपस्थित थे।