चरणजीत सिंह, जमशेदपुर
नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाणे सरबत दा भला…नानक नाम जहाज है चढ़े सो उतरे पार, जो श्रद्धा कर सेम दे, गुरु पार उतारण हार….सतगरु नानक प्रगटया मिटी धुंध जग चानण होआ…। संसार वासियों को मानव की जाति सभ एके पहचानबो का संदेश देने वाले सिख धर्मावलंबियों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 553वें आगमन दिवस पर मंगलवार को लौहनगरी गुरवाणी से गूंज उठी. इस अवसर पर सुबह 11.15 बजे जुगसलाई गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा से तख्त साहेब से गठित पांच मेंबरी कमेटी के प्रतिनिधियों क्रमशः अमरजीत सिंह, दलजीत सिंह दल्ली, गुरदयाल सिंह, तारा सिंह गिल और नरेंद्रपाल सिंह भाटिया की देखरेख में विशाल नगर कीर्तन निकाला गया. पंज प्यारों की अगुवाई और सिखों के हाजर नाजर गुरु जुगो जुग अटल श्री गुरुग्रंथ साहिब की रहनुमाई में आठ किमी का लंबा सफर करते हुए शाम छह बजे साकची गुरुद्वारा में जाकर नगर कीर्तन की समापित की गई. इस दौरान लौहनगरी की सिख संगत में उत्साह देखते ही बन रहा था. नगर कीर्तन में शामिल स्कूली बच्चे, सिख स्त्री सत्संग सभा की बीबीयां, कीर्तनी जत्थे, धार्मिक स्कूलों के बच्चे जोश व श्रद्धा के साथ गुरवाणी गायन करते हुए नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे. नगर कीर्तन के बीचो बीच फूलों से सुसज्जित पालकी साहिब में श्री गुरुग्रंथ साहिब विराजमान थे, जिसके आगे राजनेता से लेकर कई गणमान्य सिख संगत व अन्य समाज के लोगों ने भी शीश झुकाया और सरबत के भले की कामना के लिए अरदास में भी शामिल हुए.
पूर्व सीएम रघुवर, ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद समेत कई ने गुरु दरबार में टेका माथा
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जुगसलाई गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा के सौ वर्ष पूरे होने पर सुबह 11.15 बजे अरदास कर नगर कीर्तन को रवाना किया. यह तीसरा मौका था जब गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा से नगर कीर्तन निकाला जा रहा था, इसलिए यहां गुरुद्वारा कमेटी ने विशेष इंतजाम किए थे. पालकी साहेब में अकाली दल के ज्ञानी सुखदेव सिंह ने नगर कीर्तन की सफलता की अरदास की. उसके बाद गुरुद्वारा से लेकर जुगसलाई फाटक तक बिछाई गई रेड कारपेट से पालकी साहिब गुजरी. पालकी साहेब में पुष्प वर्षा भी की जा रही थी. गुरुद्वारा में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविदं सिंह, कुणाल षाड़ंगी, देवेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, पांच मेंबरी कमेटी, गुरदेव सिंह राजा, भाजपा युवा नेता सतबीर सिंह सोमू, दिनेश सिंह, अमरजीत सिंह राजा, चंचल भाटिया, इंदरजीत सिंह को सम्मानित किया गया. स्वास्थ्य मंत्री भी पगड़ी पहनकर यहां पालकी साहेब के सन्मुख नतमस्तक हुए.
नगर कीर्तन में ये हुए शामिल
नगर कीर्तन में सबसे आगे दो घुड़सवार थे. जिसमें नन्हें बच्चे पारंपरिक वेषभूषा पहने हुए संगत के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए थे. उसके पीछे सोनारी के परमजीत सिंह पिंकी की जोड़ी राइडर्स क्लब के नौ सदस्य बुलेट में सवार होकर चल रहे थे. उसके पीछे कोलकाता की बैंडपार्टी के 21 मंडली, साकची, टुइलाडुंगरी व मानगो की गतका पार्टी सिख मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे. उनके पीछे विभिन्न गुरुद्वारों द्वा 20 मिडिल व हाई स्कूल, 20 धार्मिक स्कूल के बच्चे थे. इनके पीछे सिख नेता संगत का आभार कर रहे थे. उनके पीछे पालकी साहेब थी, जिसमें संगत नतमस्तक हो रही थी. पालकी साहेब के पीछे 32 सिख स्त्री सत्संग सभा की बीबीयों का जत्था और उनके पीछे दो कीर्तनी जत्थे गुरवाणी गायन करते हुए अनुशासन के साथ चल रहे थे. पांच जजों द्वारा इन्हें नंबरिंग की जा रही थी.
इन मार्गों से गुजरा नगर कीर्तन
जुगसलाई गौरीशंकर रोड, रेलवे फाटक, वोल्टास बिल्डिंग, बिष्टुपुर मेन रोड, रीगल गोलचक्कर, जुस्को आफिस, स्टेट माइल रोड, कीनन स्टेडियम, बागे जमशेद गोलचक्कर, साकची बड़ा गोलचक्कर, बसंत सिनेमा, नौ नंबर टैक्सी स्टैंड से साकची गुरुद्वारा.
रास्ते में 60 से ज्यादा तोरणद्वार बनाये गए
जिन मार्गों से नगर कीर्तन गुजरा वहां 60 से ज्यादा तोरणद्वार बनाए गए थे, जो नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे. नगर कीर्तन में शामिल बच्चों व महिलाओं के लिए जेएनएची द्वारा तीन स्थानों पर शौचालय की व्यवस्था की गई थी.
शिविर लगाकर सेवा करने की रही होड़
नगर कीर्तन के दौरान जुगसलाई से साकची तक 40 से ज्यादा धार्मिक, सामाजिक, विभिन्न परिवारों द्वारा शिविर लगाए गए थे. उनके द्वारा सेवा करने की होड़ दी गई थी. आइसक्रिम, पकौड़ी, सेब, केला, बिस्कुट, चाय, दूध, कॉफी, चॉकलेट, कोल्डड्रिंक्स आदि तक बच्चों व संगत के बीच खुला वितरण किया जा रहा था. कीनन के पास सिख प्रतिनिधि बोर्ड के गुरचरण सिंह बिल्ला के नेतृत्व में शिविर लगाकर फल व पानी का खुला वितरण किया गया. रामगढ़िया सभा, बिष्टुपुर खालसा क्लब, रवि ट्रांसपोर्ट आदि की ओर से सेवा शिविर लगाये गए थे.
गोलपहाड़ी समेत कई गुरुद्वारों में हुई आतिशबाजी
नगर कीर्तन की समाप्ति के दौरान साकची गुरुद्वारा कमेटी ने जहां आतिशबाजी की. वहीं अपने अपने गुरुद्वारा पहुंचने विभिन्न गुरुद्वारों में भी यह आयोजन किया गया. गोलपहाड़ी गुरुद्वारा में भी प्रधान लखविंदर सिंह की अध्यक्षता में नौजवानों ने जोरदार आतिशबाजी की और गुरु पर्व की खुशिया मनाई.
जुस्को के पास घोड़ा बदका, बच्चे चोटिल
जुस्को कार्यालय के पास नगर कीर्तन में सबसे आगे चल रहे घोड़ों में बच्चों को चढ़ाने के दौरान एक बच्चे की कृपाण घोड़े को घुप गई. उसके बाद घोड़ बिदक गया और उसके उछलने से तीन बच्चे नीचे गिर गए. इस दौरान वहां अफरा तफरी मच गई. आनन फानन बच्चों को एंबुलेंस से टीएमएच ले जाया गया. फिलहाल बच्चे स्वस्थ हैं. घटना के कारण वे सहम गए थे. दो बच्चे कीताडीह के थे. बताया जाता है कि परिवार के लोग उन्हें घोड़े पर सवार कराना चाहते थे.
नगर कीर्तन का कंट्रोल सुचारु रहा
नगर कीर्तन की कंट्रोलिंग सेंट्रल सिख नौजवान सभा के सतबीर सिंह गोल्डू, पूर्व महासचिव हरविंदर सिंह, इंदरजीत सिंह इंदर के नेतृत्व में सुचारू रही. इंदर व हरविंदर वॉकी टॉकी से व्यवस्था पर नजर बनाये हुए थे. उसके अलावा गोल्डू की टीम का भी इसमें बेहतर सहयोग रहा. वैसे ट्रैफिक पुलिस भी यातायात व्यवस्था संभाले हुई थी.