जमशेदपुर: टाटा स्टील ने झारखंड के जमशेदपुर स्थित अपने मुख्य संयंत्र में 74वां गणतंत्र दिवस मनाया एवं एक मजबूत भारत बनाने के प्रति अपनी प्रतिज्ञा को दोहराया। यह देश के दीर्घकालिक सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को हासिल करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने के साथ ही विश्व स्तरीय मानव पूंजी के पोषण में अपना निवेश जारी रखेगी।
कंपनी ने गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन जमशेदपुर संयंत्र में किया, जहां 115 साल पहले टाटा स्टील की यात्रा शुरू हुई थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री संजीव पॉल, वाइस प्रेसिडेंट, सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनेबिलटी ने की। इसमें कर्मचारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में समुदाय के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। श्री पॉल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के पश्चात् सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्र निर्माण के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता एवं उसकी हाल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कर्मचारियों की कार्य भागीदारी एवं उनकी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी प्रकाश डाला।
श्री पॉल ने कहा, “एक राष्ट्र के रूप में, हमें एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए जिस पर हम सभी गर्व कर सकें। हमारी मजबूत आर्थिक बुनियाद भारत को निवेशकों के लिए एक अधिक आकर्षक और स्थिर गंतव्य बनाती है तथा विनिर्माण क्षेत्र हमारी प्रगति की यात्रा में एक प्रमुख साधन बना रहेगा। इसमें राष्ट्र के लिए मूल्य जोड़ने के अलावा सामाजिक परिवर्तन का उत्प्रेरक बनने की क्षमता है। भारत के विकास के प्रति प्रतिबद्ध, टाटा स्टील अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थिति में है जहां हम आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत की विनिर्माण आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।”
टाटा स्टील अपने दीर्घकालिक सस्टेनेबिलिटी सिद्धांतों से समझौता किए बिना तथा सक्षम और विविध मानव पूंजी में निवेश करके अपनी विश्व स्तरीय विनिर्माण क्षमताओं के बल पर राष्ट्र निर्माण की ओर निरंतर अग्रसर होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि एक और खास क्षेत्र की अनदेखी नहीं की जा सकती है, वह है जलवायु परिवर्तन का मुद्दा है। यह एक ऐसा विषय है जो अब अभिजात्य वर्ग के बहस का ही मुद्दा नहीं है, बल्कि कुछ ऐसा है जिसे सभी महसूस कर सकते हैं। दुनिया ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और इससे निपटने की जरूरत तेज हुई है। सर्कुलैरिटी और संसाधन दक्षता तेजी से महत्वपूर्ण हो गए हैं। हालांकि टाटा स्टील में हमने इस संबंध में कुछ कदम उठाए हैं तथा हमें और कुछ करने की जरूरत है।”
टाटा स्टील पहले ही 2045 तक भारत, यूरोप और थाईलैंड में अपने परिचालनों में कार्बन में नेट-न्यूट्रल होने के प्रति प्रतिबद्ध है। यह इसे तुलनात्मक आकार की किसी भी अन्य कंपनी से आगे रखने के साथ-साथ ही भारत की नेट जीरो बनने की प्रतिबद्धता को 25 साल आगे रखती है। उन्होंने कहा, “बेशक इसके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है और टाटा स्टील परिवार के युवा सदस्यों को इसे सुनिश्चित करने की जरूरत है।”
वर्ष 2022 में, लगातार छठे वर्ष वर्ल्डस्टील द्वारा सस्टेनेबिलिटी चैंपियंस के रूप में सम्मानित किए जाने के अलावा, टाटा स्टील को सस्टेनैलिटिक्स द्वारा वैश्विक स्तर पर मूल्यांकन की गई 128 कंपनियों में 9वां स्थान प्रदान किया गया है, जबकि वर्ष 2021 में यह 140 कंपनियों में 29वें स्थान पर थीं। कंपनी ने मूल्यांकन की गई शीर्ष वैश्विक इस्पात उत्पादक कंपनियों में शीर्ष रैंक भी हासिल की है। जमशेदपुर वर्क्स की तीन साइटों को रिस्पॉन्सिबल स्टील सर्टिफिकेशन भी प्राप्त हुआ है।
टाटा स्टील को अपनी अग्रणी मानव संसाधन नीतियों के लिए जानी जाने वाली कंपनी के रूप में जाना जाता है, जो अपने समय से काफी आगे रही है और यह अपने उन कर्मचारियों पर निवेश पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी जो न केवल सक्षम हैं बल्कि विविधता के मामले में भारत की अनूठी ताकत का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। श्री पॉल ने कहा, “हमारे देश का अद्वितीय जनसांख्यिकीय लाभांश हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था में और भी अधिक महत्वपूर्ण स्थिति में ला सकता है। सही अवसर दिए जाने पर हमारी बढ़ती युवा उत्पादक आबादी तेजी से औद्योगीकरण और विकास के लिए हमारी विकास क्षमता का उपयोग कर सकती है। हालाँकि, हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि यह जनसांख्यिकीय लाभांश को अच्छी तरह से निर्देशित नहीं किया गया, यह दोधारी तलवार होगी। यदि हमारी बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी को उच्च मूल्य का रोजगार मिलता है, तो इसका शानदार सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
टाटा स्टील में कर्मचारी सबसे बड़ी संपत्ति होने के साथ, टाटा स्टील हमारे कार्यबल में विविधता, समानता और समावेश को बढ़ावा देते हुए एक प्रदर्शन-उन्मुख संस्कृति को चलाना जारी रखेगी। यह टाटा स्टील की मानव संसाधन नीति का आधार है। कंपनी 2025 तक अपने कार्यबल में 25% विविधता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा यह विविधता लक्ष्य बड़े कार्यसमूह घटकों से बना है जिसमें महिलाएं, एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के सदस्य, विकलांग व्यक्ति और सकारात्मक कार्रवाई समुदाय शामिल हैं। यह एक विश्वास-आधारित, परिणाम-उन्मुख कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने वाली अग्रणी पहलों को शुरू करना और चैंपियन बनाना जारी रखेगी।