ASHOK KUMAR
जमशेदपुर : रेलवे की ओर से टाटानगर को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के मद्देनजर इस दिशा में अब पहल भी शुरू कर दी गई है. रि-डेवलपमेंट के क्रम में ही रेलवे की ओर से सबसे पहले उन जगह की जमीन की मापी की जा रही है जहां पर विकास कार्य शुरू किए जाएंगे. वर्तमान में बागबेड़ा, कीताडीह और गोलपहाड़ी में रेलवे की जमीन की मापी कराई गई है. संबंधित अधिकारी जमीन की मापी करने के बाद इसकी रिपोर्ट चक्रधरपुर मुख्यालय में जाकर सौंपेंगे. इसके बाद आगे की विभागीय प्रक्रियाओं को पूरा करने का काम किया जाएगा.
सैकड़ों मकान और दुकान टूटने की चिंता
बागबेड़ा, कीताडीह और गोलपहाड़ी इंजीनियरिंग कॉलोनी में रेलवे की ओर से सैकड़ों दुकानें और मकानों को जमींदोज करने का काम किया जाएगा. इसको लेकर रेलवे की ओर से पहले से ही अगाह कर दिया गया है. बावजूद रेलवे की जमीन पर बसे लोगों का इसका तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ रहा है. कुछ लोग इसको लेकर चिंता में जरूर हैं.
राजनीतिक चहल-कदमी शुरू
रेलवे के इस अभियान को रोकवाने के लिए स्थानीय नेताओं की चहल-कदमी शुरू हो गयी है. वे चाहते हैं उनका आशियाना किसी तरह से बच जाएं, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है. इस बार किसी की नहीं चलेगी.
स्टेशन से कीताडीह तक 1998 में चला था बुलडोजर
रेलवे की ओर से टाटानगर रेलवे स्टेशन से लेकर कीताडीह के त्रिमूर्ति चौक से करीब 300 मीटर बांयी तरफ बुलडोजर चलाने का काम किया गया था. तब रेलवे ट्रॉफिक कॉलोनी में बने अवैध मकानों और दुकानों को जमींदोज कर दिया गया था. रेलवे की ओर से जमीन खाली कराए जाने के बाद उस जमीन का उपयोग नहीं किए जाने के कारण वहां पर फिर से कब्जा हो गया है.
श्मशान की जमीन भी है कब्जे में
परसुडीह के कीताडीह त्रिमूर्ति चौक की बात करें तो यहां पर रेलवे की ओर से अज्ञात शवों को दफनाने के लिए श्मशान घाट भी बनाया गया था, लेकिन उसे भी अतिक्रमणकारियों ने कब्जा लिया है. श्मशान घाट के कार्यालय को ही दबंगों ने अपना मकान बना दिया है. इस दिशा में सबकुछ जानकर भी रेल के वरीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. यह स्थान आरपीएफ बैरक के ठीक बगल में ही है. आरपीएफ की मौजूदगी में ही यहां पर कब्जा होता रहा और वे तमानशबीन बने रहे.
रेलवे को है 200 एकड़ जमीन की जरूरत
रेलवे को टाटानगर स्टेशन का रि-डेवलपमेंट के लिए 200 एकड़ जमीन की जरूरत है. इस जमीन पर ही विकास कार्य किए जाएंगे. फिलहाल जमीन की मापी का काम शुरू किया गया है. इसके बाद आगे के कार्यों को अमली-जामा पहनाने का काम शुरू किया जाएगा.
अप्रैल माह में पूरी होगी निविदा प्रक्रिया
रेलवे की जमीन पर विकास कार्य के लिए अप्रैल माह में निविदा की प्रक्रियाओं को पूरी की जाएगी. इसके बाद जून माह से विकास कार्य को शुरू कराने की योजना रेलवे की ओर से बनाई गई है. इस महती योजना को मूर्त रूप देने की दिशा में सिर्फ टाटानगर के रेल अधिकारी ही नहीं बल्कि चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम, रेल जीएम और रेल मंत्री तक की नजर है.
