Saraikela : आदित्यपुर और गम्हरिया क्षेत्र में बीते छह दिनों से आतंक का पर्याय बन चुके तेंदुआ के गिरफ्त में नहीं आने के चलते क्षेत्र के लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं. गम्हरिया क्षेत्र के स्कूल अब भी बंद हैं, इस बीच जिला प्रशासन एवं वन विभाग की टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व के ट्रेंकुलाइजर स्पेशलिस्ट 10 सदस्यीय टीम को तेंदुए पकड़ने के लिए बुलाया है.
पलामू टाइगर रिजर्व से पहुंचे 10 सदस्य टीम में ट्रेंकुलाइजर स्पेशलिस्ट (बंदूक से इंजेक्शन मारकर बेहोश करने वाले) दो बायोलॉजिस्ट शामिल है, जो पूरे आदित्यपुर एवं गम्हरिया क्षेत्र का लगातार भ्रमण कर रहे हैं. यह टीम तेंदुआ के पकड़ में नहीं आने तक क्षेत्र में लगातार भ्रमण करेगी. इसके अलावा पलामू टाइगर रिजर्व से दो रेस्क्यू टीम भी इनके साथ भ्रमण कर रही है. वन विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने के साथ लोगों को गाइडलाइन जारी कर जागरूक किया जा रहा है. इसमें मुख्य रूप से छोटे बच्चों को अकेले घर से बाहर नहीं निकलने देने, देर रात जरूरत पड़ने पर 4 से 5 की संख्या में समूह बनाकर बाहर निकलने, घर के आसपास झाड़ियां गंदगी को साफ करने संबंधित निर्देश दिए गए हैं. (नीचे भी पढ़ें)
दिन में छुपकर रह रहा तेंदुआ, रात को कर रहा भ्रमण
रविवार को आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के आरसीबी प्लांट में सबसे पहले देखे गए तेंदुए की हरकत अब दिन में बंद हो गई है. तेंदुआ दिन में भ्रमण नहीं कर रहा, बल्कि रात के अंधेरे में लगातार भ्रमण कर रहा है. उसके प्रमाण तेंदुए के पंजे के निशान के रूप में प्राप्त हुए हैं. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तेंदुआ अब भी क्षेत्र में छुपा है. एक्सपर्ट बताते हैं कि तेंदुआ अक्सर पेड़ की ऊंचाई पर बैठकर रहता है और वह घात लगाकर हमला करता है. तेंदुए के सूंघने की क्षमता भी सर्वाधिक होती है, वह अपने शिकार को मारकर अपने साथ ले भागता है.