Ashok Kumar
जमशेदपुर : जघन्य अपराध के मामले में पूर्वी सिंहभूम जिले में पहले भी कोर्ट की ओर से फांसी की सजा सुनायी जा चुकी है. कुछ मामले में तो अपील बेल के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से बरी भी कर दिया है. गुरुवार को भी पत्नी, दो बेटी और ट्यूशन टीचर की हत्या के मामले में दीपक कुमार को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी है. सजा सुनकर सिर्फ जमशेदपुर के लोगों को ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लोगों को हिलाकर रख दिया है.
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घाटशिला नवबलि में छह को हुई थी फांसी
जिले का ग्रामीण इलाका घाटशिला में नरबली मामले में छह लोगों को फांसी की सजा सुनायी गयी थी. इसमें घाटशिला कोर्ट ने भाई, भतीजी, भाभी को फांसी का सजा सुनायी है.
चैताली-रिजवान को भी मिली थी फांसी का सजा
1999 में गोविंदपुर थाना क्षेत्र के घोड़ाबांधा में प्रेमी रिजवान के साथ अपने ही माता, पिता, भाई और नानी की निर्मम हत्या करने वाली चैताली और रिजवान को फांसी की सजा सनायी जा चुकी है. जमशेदपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एनएस काजमी की अदालत ने वर्ष 2000 में इन दोनों को फांसी की सजा सुनायी थी.
पत्नी-पुत्र को बलि देने में मिली थी फांसी
मानगो के अधिवक्ता माणिक मुखर्जी ने अंधविश्वास में अपनी पत्नी और पुत्री की बलि दे दी थी. उसको भी फांसी की सजा सुनायी गयी थी. तब यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ था.
ढाई साल के बच्चे को बलि देनेवाले पिता को फांसी
वर्ष 2003 में पोटका थाना क्षेत्र के हल्दीपोखर रेलवे लाइन किनारे रहनेवाले पोटका तारा सरदार ने अपने ही ढाई साल के बेटे की बलि दे दी थी. इस मामले में कोर्ट की ओर से उसे फांसी की सजा सुनायी गयी थी. दिल-दहला देनेवाली घटना के बाद भी तांत्रिक पिता तारा सरकार घर पर ही था और अगरबत्ति जलाकर कमरे में बैठा हुआ था. तब उसने कहा था कि सपना आने के बाद काली मां को प्रसन्न करने के लिये उसने ऐसा किया.
बागबेड़ा में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या में हुई थी फांसी
18 फरवरी 2018 को बागबेड़ा में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में कोर्ट ने फिरंगी पासवान को फांसी की सजा सुनायी थी. घाटशिला कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामवचन सिंह की अदालत ने डुमरिया के खतपाल गांव में भाई, भाभी और भतीजी की भुजाली से काटकर हत्या करने के अभियुक्त सुदर्शन महाकुड़ को फांसी की सजा सनायी थी. 19 माह बाद फैसला आया था. 6 जुलाई 2017 को भतीजी पर गलत नीयत रखने के विरोध पर आरोपी ने अपने भाई, भतीजी और भाभी की हत्या कर दी थी.
जेल में हुई हत्या में 15 को मिली थी फांसी
घाघीडीह जेल में बंद मनोज सिंह की हत्या 26 जून 2019 को पीट-पीटकर कर दी गयी थी. इस मामले में 15 दोषियों को फांसी की सजा सुनायी गयी थी और 7 को 10 साल की सजा मिली थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को साढ़े 9 माह में ही बरी कर दिया.
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