Potka : जैसे-जैसे भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे विभिन्न क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है. इससे पोटका प्रखंड का हल्दीपोखर क्षेत्र अछूता नहीं है. यहां बांग्ला बालिका प्राथमिक विद्यालय के 40 बच्चों को समय पर मध्याह्न भोजन के लिए पेयजल की समस्या विकट होती जा रही है. हालत यह है आंगनवाड़ी की सेविका-सहायिका बच्चों की प्यास बुझाने के लिए बर्तन लेकर दर-दर भटक रही है. ताकि कहीं से पानी का इंतजाम हो सके. इससे बच्चों का प्यास बुझाने के साथ उन्हें भोजन भी ढ़ंग से मुहैया कराई जा सके. (नीचे भी पढ़ें)
वहीं, पेयजल संकट का यह हाल है कि अगल-बगल के लोग भी पानी देने को कतरा रहे हैं. दूसरी ओर, विद्यालय का चापाकल चार महीने से खराब पड़ा है, जबकि बोरिंग सूख चुका है. इस कारण जलमीनार से भी पानी टंकी में नहीं चढ़ पा रहा है. इस पर विद्यालय की प्रधानाध्यापक कुसुम बारला एवं विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष शांति गोप ने कहा कि हम सब पानी को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, विद्यालय में लगा चापाकल 30-40 साल पुराना हो चुका है, साथ ही चापाकल खराब भी है. जल मीनार तो लगा है लेकिन पानी नहीं निकलता. इस समस्या के समाधान के लिए कई जगहों पर लिखित दिया गया, लेकिन अब तक न तो नया चापाकल लगा और ना ही चापाकल की मरम्मत हो पाई. इस मामले में आंगनबाड़ी सेविका बेबी मंडल ने कहा कि लोग बिजली बिल के डर से भी पानी नहीं देना चाहते हैं. साथ ही साथ चापाकल खराब होने से सबों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पानी के अभाव में खाना बनाने, बर्तन धोने और पेयजल सहित अन्य काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.