JAMSHEDPUR : शराब दुकान में मैनपॉवर की सप्लाई करनेवाली कोलकाता की कंपनी विवेल की दबंगई सामने आई है. कंपनी की ओर से जमशेदपुर के राहरगोडा चौक स्थित कंपोजिट शराब के इंचार्ज गुड्डू को पहले कंपनी के कोलकाता राजेन्द्र नगर स्थित कार्यालय बुलाया गया. फिर कंपनी में कार्यरत मुकुल गुप्ता नामक व्यक्ति ने गुड्डू को डराया धमकाया और उसके साथ मारपीट किया. गुड्डु की मानें तो उसे जान मारने की धमकी भी दी गई. मुकुल गुप्ता ने दुकान के इंचार्ज के दुकान के घाटे में चलने की बात कहते हुये यह सारी कारिस्तानी की.
क्या कहा भुक्तभोगी ने
इस पूरे मामले में भुक्तभोगी शराब दुकान में बतौर इंचार्ज कार्यरत गुड्डु ने बताया कि मुकुल गुप्ता का कहना है कि आए दिन शराब दुकान में जो पैसे की आमदनी होती है उसमें घाटा होता जा रहा है. अब तक 3 लाख 70 हजार घाटा बताया जा रहा है. जबकि कंपोजिट शराब दुकान में काम करने वाले इंचार्ज गुड्डू ने बताया कि इस घाटे का वह जिम्मेदार नहीं है. जमशेदपुर आबकारी विभाग द्वारा एक बार किसी भी एजेंसी को मैनपॉवर के सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी जाती है तो वह उसका पुर्ननिरीक्षण नहीं किया जाता. (नीचे भी पढ़ें)
फिर गरमाया नकली शराब सप्लाई का मामला
इस बीच जमशेदपुर में नकली शराब सप्लाई की सप्लाई का मामला एकबार फिर गरमा गया है. इसके लपेटे में खासतौर पर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र है. शराब के कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो तीन परसेंट रेट लेकर पर दुकानों में नकली शराब की सप्लाई की जा रही है, पर आबकारी विभाग द्वारा जमशेदपुर के किसी भी शराब दुकान पर में छापेमारी नहीं की जाती है. वहीं, शहर वासियों की आए दिन ऐसे शिकायत रहती है कि जमशेदपुर के सभी शराब दुकानों में खास तौर पर राहरगोडा गोलमुरी ,हावड़ा ब्रिज, सीताराम डेरा ,जैसे क्षेत्रों में नकली शराब की बिक्री होती है, लेकिन आबकारी विभाग मौन साधे हुये हैं. इससे जमशेदपुर के शराब पसंद लोग नकली शराब का सेवन कर रहे हैं.
कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बदहाल
दूसरी ओर, जमशेदपुर के शराब दुकानों में कार्य कर रहे कर्मचारियों द्वारा अक्सर यह शिकायत की जाती है कि उन्हें कई महीनो का सैलरी जल्दी प्राप्त नहीं मिल रही है. यानी कह सकते है कि मैन पावर कंपनी द्वारा कार्यरत शराब दुकान में कार्य कर रहे कर्मचारियों को कई महीनो की सैलरी नहीं दी जाती है. इससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बदहाल होने लगी है. कर्मचारी कहते हैं कि उनके लिए घर चलना तक मुश्किल होता जा रहा है.