Jamshedpur : झारखंड राज्य स्थापना के 21 वर्ष पूरे हो चुके है। इसके बावजूद भी अब भी कैसे ऐसे लोग है जो अपने हक़ व अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे है। इन्हें में से एक किन्नर समुदाय ने उन्हें अधिकार नहीं मिलने पर चिंता जताई है। उत्थान सीबीओ के कार्यालय में झारखंड स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें शामिल थर्ड जेंडर के लोगों ने राज्य सरकार की उपेक्षा को दुर्भाग्यपूण करार देते हुए अपनी समस्याओं को को रखा। इस अवसर पर राज किन्नर ने कहा कि इंडिया एचआईवी एड्स एलाइंस के वजूद प्रोजेक्ट इनके अस्तित्व को बचाने में सहयोग देता है। वजूद के सहयोग से ही कुछ ट्रांसजेंडर अपना पालन-पोषण कर पा रहे हैं। झारखंड सरकार से कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा है। कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। थर्ड जेंडर विभिन्न समस्याओं से गिरे है। खाने-पीने और रहने की समस्याएं किन्नरों के लिए सबसे बड़ी हैं। झारखंड सरकार के जनप्रतिनिधि, सामाजिक और राजनीतिक संगठन भी उनके लिए कोई पहल नहीं करते। टाटा स्टील से कई बार सहयोग मांगा गया, लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली। संविधान के मौलिक अधिकार एवं लिंग समानता से भी वंचित हैं। इन लोगों ने किन्नरों को हक दिलाये जाने की मांग की है।