जमशेदपुर : जिले के पटमदा प्रखंड स्थित आगुईडांगरा गांव के मुख्य सड़क पर बना जलमीनार करीब एक साल से खराब पड़ा है। जलमीनार के खराब होने से ग्रामीणों के समक्ष जल समस्या गंभीर होती जा रही है। 70 – 80 परिवार जलमीनार पर निर्भर थे । अभी करीब एक डेढ़ किलोमीटर की दूरी से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। पेयजल जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार है। जल है तो कल है। पटमदा प्रखंड की आगुईडांगरा गांव में बना जलमीनार सफेद हाथी सिद्ध हो गया। इसकी मरम्मती को लेकर किसी का भी ध्यान नहीं है। ग्रामीण जल समस्या से जूझ रहे हैं ।गांव के ग्रामीण हरेंद्रनाथ महतो कहते हैं कि किसी ने भी इस जल मीनार की मरम्मती नहीं करवाई। ग्रामीणों की जल समस्या के समाधान को लेकर किसी प्रकार की पहल किसी ने नहीं की। गांव में कुछ चापाकल भी हैं जो बेकार पड़े हुए हैं। इनकी भी मरम्मत नहीं हो पा रही है। विभाग को सूचित करने पर संसाधन नहीं होने की बात कह कर बात को टाल दिया जाता हैं। गांव में कुछ निजी चापाकल है जिसके द्वारा पानी लाकर ग्रामीण अपनी हलक की प्यास बुझा रहे हैं। प्रशासन को जल समस्या के समाधान को लेकर गंभीर होने की जरूरत है ।यदि जल समस्या का समाधान नहीं होता है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।