चाईबासा : चक्रधरपुर की लाइफलाइन मानी जाने वाली संजय नदी में गन्दगी का अम्बार है । नदी में कूड़ा कचरा और घर व स्कुल के गंदे पानी का बहाव किये जाने से नदी पर आश्रित लोग खासे नाराज हैं । नदी को दूषित करने का काम हो रहा है लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है । पुरानी बस्ती संजय नदी घाट पर लोग नहाने आते हैं । लेकिन उन्हें भी गंदे पानी के बीच नहाने को विवश होना पड़ता है । नदी का पानी दूषित होने से बीमारी फैलने का भी खतरा बढ़ा हुआ है । इस नदी से कई गाँव व खेत को पानी की आपूर्ति होती है । नदी में गंदगी बढ़ने से नदी का जलश्रोत भी ख़त्म हो रहा है । गर्मी से पहले तेजी से पानी का जलस्तर घट भी रहा है । गन्दगी के कारण नदी अक अस्तित्व खतरे में पड़ता नजर आ रहा है । दूषित नदी को देख लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी नारगी देखने को मिल रही है । लोगों का कहना है की नदी का ख्याल साल में बस एक ही बार तब आता है जब छठ का त्यौहार आता है । छठ के दौरान प्रशासन से लेकर आम लोग तक नदी की साफ सफाई करते हैं । लेकिन पुरे साल भर इसी नदी को फिर कूड़ा कचरा गन्दा पानी प्रवाहित कर दूषित करते हैं । नदी को साफ़ रखने के लिए कोई भी पहल नहीं कर रहा है । आम लोगों में भी जनजागरण नहीं हो पा रहा है । प्रशासन भी पुरे मामले को जानकर अनजान बनी हुई है । नदी किनारे बसने वाले पुरानी बस्ती के लोगों ने कई बार प्रशासन को नदी के दूषित होने व उससे होनेवाली परेशानी व नदी को होने वाली हानि से अवगत कराया है लेकिन नदी को बचाने व उसके साफ़ सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है । समय रहते संजय नदी की साफ़ सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया तो नदी का अस्तित्व ख़त्म होने का ख़तरा बढ़ जायेगा और लोग कई तरह की बिमारियों का भी शिकार होने लगेंगे ।