जमशेदपुर : जी हां. कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करने के पहले पुलिस ढोल और नगाड़ा बजाकर आरोपी के घर पर जाकर इस्तेहार चिपकाती है. कोर्ट के आदेश पर इस बीच इस कारण से ढोल और नगाड़ा बजाने का काम किया जाता है ताकि आस-पड़ोस में रहनेवाले लोगों को भी इसकी जानकारी मिल सके. साथ ही पुलिस इस पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद करती है और इसकी फोटोग्राफी भी करती है. इस फोटोग्राफी को कोर्ट को भी प्रस्तुत करने का काम किया जाता है.
कुर्की-जब्ती का कानून 1908 में बनाया गया था. आज आजादी के बाद भी उसी कानून को अबतक जगह मिली हुई है. सीआरपीसी की धारा 82 और 86 के तहत कुर्की-कब्जी की जाती है. ऐसी स्थिति में बिना कोर्ट में सरेंडर किये हुये और कोई दूसरा चारा आरोपी के पास नहीं होता है.
सिदगोड़ा पुलिस ने चस्पा किया इस्तेहार
सिदगोड़ा पुलिस ने हत्या के एक मामले में सोमवार आरोपी के घर पर इस्तेहार चस्पा किया है. पुलिस का कहना है कि घटना 31 दिसंबर 2022 को घटी थी. मारपीट की घटना में टेल्को के रहनेवाले चंद्रभूषण सिंह के साथ मारपीट की गयी थी. इलाज के दौरान ही बाद में चंद्रभूषण की मौत हो गयी थी. इसके बाद मामला हत्या में तब्दील हो गया था. मामले में आरोपी बागुनहातु का अमित सिंह और सिदगोड़ा का चिराग मुखी को बनाया गया था.