सरायकेला-खरसावां : ईचागढ़ के लाबा गांव में चड़क पूजा का आयोजन गुरुवार को किया गया। इस पूजा में पुरानी परंपरा देखने को मिली। जिला के ईचागढ़ प्रखंड के लाबा गांव में गुरुवार को चङक पूजा के उपलक्ष्य में लहलहाती जलती आग मे चलकर भक्ति में शक्ति होने का प्रमाण देती है । लाबा गांव की भुटुन गोप बताती हैं की भगवान शिवजी का कृपा से ही आग मे चलने पर कुछ नहीं होता है । भक्ति मे अपार शक्ति होती है । वहीं भक्त अठोर यातनाएं सह कर अपने पीठ पर लोहे
के अंकुश चमड़ी पर घोंपकर लकड़ी के बने खंभे के सहारे लटककर करीब 50 फीट ऊपर आकाश मे घुमकर हठ भक्ति का परिचय देते हैं। वहीं भक्त सोमा गोप ने बताया की ये परंपरा आदि काल से ही चले आ रहा है । भगवान शिवजी के शक्ति से ही हम अपने पीठ पर लोहे का अंकुश से छेद कर भोक्ता झुलते हैं । इसमें कोई दवा आदि की जरूरत नहीं पड़ती है। घाव पर सिंदूरा लगा दिया जाता है जो 2-3 दिनों ठीक हो जाता है।