रांची : ब्रिजफोर्ड स्कूल तुपुदाना रांची में तीन दिवसीय अंतर विद्यालय प्रतियोगिता नवरत्न का शुभारंभ हुआ. दीप जलाकर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई. विद्यालय की वाइस चेयरपर्सन प्रियंका जालान ने प्रतिस्पर्धा की शुरुआत की घोषणा की. प्रतियोगिता) के पहले दिन चार प्रतियोगिताएं ‘तेनालीरामन’( स्टैंडअप कॉमेडी), ‘व्यास’ (स्टोरी टेलिंग), तानसेन (गायन प्रतियोगिता तथा क़लाम-(इन्वेंटर) का आयोजन किया गया. इसमें शहर के 25 विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया. अपनी पूरी लगन और बेमिसाल जोश के साथ छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.
निर्णायक मंडली में ये थे शामिल
स्टैंड अप आर्टिस्ट सिद्धार्थ गुप्ता, टेलीविजन, रेडियो, रंगमंच अभिनेता सुकुमार मुखर्जी, रेडियो जॉकी आर जे आदर्श आनंद, प्रोफेसर, लेखिका और पत्रकार मीना सिंहा, सीए श्रद्धा बागला, सीए कन्हैया भलोटिया, प्रोफेसर फिजिक्स, सेंट जेवियर कॉलेज, स्वरत चौधरी, एसोसिएट प्रोफेसर, जूलॉजी, सेंट जेवियर कॉलेज, एन वेंकट अप्पा राव, संगीतकार शमित दास, असिस्टेंट प्रोफेसर, गायिका चूमकी रॉय, गायिका परमोइता चौधरी निर्णायक मंडली के रुप में उपस्थित हुए. उप प्राचार्य मुनीष दुबे ने पौधा देकर निर्णायकों का स्वागत किया.
प्रतियोगिता का आयोजन
प्राचार्या सीमा चितलांगिया और स्कूल की वाइस चेयरपर्सन प्रियंका जालान ने निर्णायकों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. अंग्रेजी शिक्षिका सीमा तिवारी और कुणाल प्रताप ने कार्यक्रम का संचालन किया. ‘तेनालीरामन’ स्टैंड अप कॉमेडी प्रतियोगिता में स्वामी सहजानंद ब्रिजफोर्ड ने प्रथम, आर्मी पब्लिक स्कूल ने द्वितीय और सच्चिदानंद ज्ञान भारती ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. ‘व्यास’ स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता में सेंट जेवियर ने प्रथम, सरला बिरला ने द्वितीय और सुरेंद्रनाथ सैंटनरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. तानसेन प्रतियोगिता में ब्रिजफोर्ड स्कूल ने प्रथम, जवाहर विद्या मंदिर ने द्वितीय और शारदा ग्लोबल एवं सुरेंद्रनाथ सैंटनरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. क़लाम-इन्वेंटर में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ने प्रथम, सच्चिदानंद ज्ञान भारती ने द्वितीय और सुरेंद्रनाथ सैंटनरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.
वाइस चेयरपर्सन प्रियंका जालान ने क्या कहा
विद्यालय की वाइस चेयरपर्सन प्रियंका जालान ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता के आयोजन से छात्रों को अपने तकनीकी कौशल और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच और अवसर प्राप्त होता है. प्राचार्या सीमा चितलांगिया ने कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेकर छात्र रचनात्मक और अनुभवात्मक शिक्षा प्राप्त करते हैं और इससे उनके व्यक्तित्व का विस्तार होता है. उप प्राचार्य मनीष दुबे ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों का सर्वांगीण विकास तो होता ही है, साथ ही वे बेहतरीन इंसान बनने की दिशा में भी अग्रसर होते हैं.