कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की शुरूआत से ही टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी देखने को मिली थी. जहां पहले दिन कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी वहीं पंचायत चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन भाजपा नेता अर्जुन सरदार टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी के कारण अपना नामांकन नहीं कर सके. नामांकन की अंतिम तिथि 14 जून तक ही थी.
अर्जुन सरदार पचायत समिति सदस्य के रूप में संदेशखाली ब्लॉक पंचायत से चुनाव के लिये नामांकन करने वाले थे. नामांकन कार्यालय से उनका आवास महज 2 किलोमीटर दूरी पर ही है. बावजूद वे टीएमसी की गुंडई के कारण नामांकन नहीं कर सके.
हम डर गये थे- अर्जुन
अर्जुन सरदार ने बताया कि वे टीएमसी के बाहुबली और गुडागर्दी करनेवाले नेताओं से डर गये थे. अर्जुन का कहना है कि वे भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं, लेकिन जिस तरह से टीएमसी की ओर से हिंसा फैलाने का काम किया जा रहा है उससे आम लोग भयभीत हैं.
विपक्षी उम्मीदवारों को लाठी से खदेड़ने का लगाया आरोप
अर्जुन सरदार का कहना है कि नामांकन के अंतिम दिन टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से विपक्षी उम्मीदवारों को लाठी से खदेड़कर भगाया जा रहा था. टीएमसी की मदद पुलिस भी कर रही थी.
उम्मीदवारों को बस पर लेकर पहुंचे थे भाजपाई
पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों को भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजुमदार बस पर लेकर पहुंचे हुये थे. इस बीच पुलिस ने उन्हें नामांकन के कार्यालय में ही घुसने से रोक दिया गया. इस कारण से वे बैरंग लौट आये. इस बीच थोड़ा हो-हंगामा भी हुआ था, लेकिन उसका प्रभाव नहीं पड़ा.