चाईबासा।
पश्चिमी सिंहभूम जिला के गोइलकेरा में गुरुवार को स्नेह से भरे पर्व रक्षाबंधन पर ग्रामीणों ने जंगलों को बचाने की अनूठी मुहिम शुरू की। यहां के आठ गांवों में पेड़-पौधों को रक्षा-सूत्र बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। कोल्हान वन प्रमंडल की ओर से रक्षा बंधन पर जंगलों में कार्यक्रम आयोजित कर खूबसूरत अंदाज़ में इस त्योहार को मनाया गया।
जहां भाइयों की कलाइयों की जगह पेड़ की शाखाएं थीं तो रंग बिरंगी राखियों की जगह पुष्प और स्नेह के धागे थे। आदिवासी रीति रिवाज के साथ दिउरी ने पूजा अर्चना की। गांव के सैकड़ों लोगों ने जंगलों को बचाने की शपथ ली और महिलाओं ने पेड़ों को राखी बांधी। कोल्हान वन प्रक्षेत्र के सरबिल, बुरुहुंडरू, लाजोरा, कटकरा, रूमकुट, केंटरा और बड़ैला गांवों के आसपास के जंगलों व पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। वनकर्मी रोहित महतो ने बताया कि वनों की सुरक्षा और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए वृक्ष रक्षाबंधन पर्व मनाया जा रहा है। इस कड़ी में कोल्हान वन प्रमंडल के कोल्हान, संतरा और सायतबा रेंज के करीब 30 गांवों में कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रकृति के उपासकों ने प्राण वायु देने वाले पेड़ पौधों पर स्नेह बरसाई और समाज को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।