ईचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के सिल्ली-रांगामाटी सड़क पर पिलीद के खेढ़वन के पास जंगली हाथियों के उत्पात के खिलाफ आक्रोशित महिलाओं ने 6 घंटे तक सड़क जाम किया. सूचना पर ईचागढ़ थाना प्रभारी गौरव मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. उग्र ग्रामीणों ने हाथियों से हुए क्षति का सही आकलन कर मुआवजा देने और हाथियों को तत्काल क्षेत्र से भगाने का मांग को लेकर अड़े हुए थे.
वन विभाग के वनपाल राधा रमण ठाकुर, मुकेश कुमार आदि पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता कर हाथियों को क्षेत्र से भगाने, टार्च देने , पटाखा देने, क्षति फसलों का मुआवजा देने का आश्वासन दिया. इसके बाद सड़क जाम हटाया गया.
मिलन चौक पर लगेगा कैंप
वन विभाग की ओर से बुधवार और शनिवार को मिलन चौक में कैम्प लगाकर तत्काल मुआवजा फार्म जमा करने व सभी प्रक्रिया कैम्प में ही पूरी करने का आश्वासन दिया. मुआवजा फार्म वन विभाग से अंचल कार्यालय भेजा जाता है. इससे प्रक्रिया से गुजरने में बिलंब होती है. कैम्प में अंचल के कर्मचारी जमीन का सत्यापन ऑन द स्पॉट करेंगे.
हाथियों का झुंड डाले हुए है डेरा
पिलीद, रघुनाथपुर व खेढ़वन जंगल में 40-42 की संख्या में हाथियों का झुंड डेरा जमाए हुए हैं. शाम होते ही हाथियों का झुंड खेतों में जाकर पके धान की फसलों को चट कर रहा है.
रतजग्गा कर रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीण रतजगा कर अपने घरों को सुरक्षित करने को मजबूर हैं. शांति देवी ने कहा कि हमारे पके धानों को हाथियों ने खत्म कर दिया है. समय पर न मुआवजा मिल रहा है और न ही उचित मुआवजा दिया जा रहा है. रातभर पहरा कर हम घरों को बचा रहे हैं. मगर खेतों को हाथी बर्बाद कर रहा है. ऐसे में सड़क पर उतरने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं था.