पूर्वी सिंहभूम :ग्रीष्म अवकाश की समाप्ति के बाद के दिन यानी 8 जून को बायोमैट्रिक अटेंडेंस छुट्टी पर रहने वाले तीस शिक्षकों के वेतन भुगतान में रोक लगाये जाने पर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ में काफी उबाल देखने को मिल रहा है. संघ ने कहा है कि जल्द से जल्द शिक्षकों का नियम के अनुसार वेतन भुगतान नहीं होता है तो अनशन पर बैठने के लिए भी तैयार हैं.
आरडीडीई निर्मला बरेलिया द्वारा 8 जून को निरीक्षण के दौरान कई विद्यालयों में शिक्षक की अनुपस्थिति को देखते हुए एक आदेश जारी किया कि 8 जून को जो शिक्षक बायोमैट्रिक अटेंडेंस या छुट्टी लिए हैं वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए समीक्षात्मक बैठक के बाद ही वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद पोटका के 30 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है.
बीईईओ की मनमानी नहीं चलेगी- निखिल मंडल
झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव निखिल मंडल ने कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं होने पर वेतन रोकने एवं बिना समीक्षात्मक बैठक के वेतन भुगतान पर रोक बिहार सेवा संहिता का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है. यह सब बीईईओ की मनमानी है. अविलंब नियम के तहत वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होगा एवं उच्च अधिकारियों से मिलकर ऐसे बीईईओ के खिलाफ शिकायत करेंगे.
दाखिल टुडू भड़के
शिक्षक संघ के दाखिल टुडू ने कहा की आज के समय में शिक्षकों का शोषण हो रहा है. पदाधिकारी नियम कानून को एक तरफ रखकर शिक्षकों पर अत्याचार कर रहे हैं. यदि अत्याचार इसी तरह होता रहा तो मैं जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय पर अनशन पर बैठ जाउंगा. हम लोग ना कमिशन खाते हैं और ना कभी कमिशन देते हैं. हम लोग राष्ट्र निर्माता है.
हितबासा शिक्षक ने क्या कहा
मध्य विद्यालय हितबासा के शिक्षक लक्ष्मण मुर्मू ने कहा कि मैं नियम के अनुसार सुबह के 7 बजे बायोमेट्रिक उपस्थिति एवं 11.30 को डिपार्चर करने के बाद भी मेरा वेतन रोक दिया गया. दो-दो बार स्पष्टीकरण देने के बावजूद मेरा वेतन भुगतान अबतक नहीं हो पाया.
अरुण सिंह के बोल
झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आज के समय में गलत आदेश पदाधिकारी द्वारा निकाला जा रहा है. बैठक कर रणनीति बनाएंगे. यदि इसका समाधान बिहार सेवा संहिता नियमवाली के तहत जल्द से जल्द नहीं होता है तो झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ आंदोलन को बाध्य होगा. बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.