पूर्वी सिंहभूम : शंकरदा पंचायत के शंकरदा में सांपों की देवी मां मनसा की पूजा-अर्चना को लेकर भव्य झापान (बिषधर सापों का खेल ) का आयोजन किया गया. इसमें तीन ओझा-गुनियों की ओर से एक दर्जन से ज्यादा जहरीले नाग सांपों को लाकर एक शोभायात्रा के माध्यम से हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों के समक्ष सांपों का खेल का आयोजन किया गया.
निसंतान दंपत्ति को संतान की होती है प्राप्ति
भक्तों में आपार श्रद्धा और विश्वास है कि सांपों की देवी मां मनसा की श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करने पर निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. इन बिषधर सांपों के डंसने का खतरा भी नहीं रहता है. पूर्व जिला परिषद सदस्य करुणामय मंडल और जिला परिषद पिंकी मंडल ने बताया कि लगभग 105 वर्षों से सांपों की देवी मां मनसा की पूजा-अर्चना होती आ रही है. सबसे बड़ी बात है कि शंकरदा और उसके आस-पास के गांव में जहरीले सापों के डंसने से एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है.
सर्प का दर्शन कर होते हैं धन्य
सुख, शांति, समृद्धि आदि की मनोकामना की पूर्ति के लिए लोग सांपों की देवी मां मनसा की शोभायात्रा में हजारों की संख्या में भक्तगण शामिल होते हैं. दूर दराज से भक्तगण पहुंचते हैं. सांपों का दर्शन कर अपने आप को धन्य करते हैं.
ये थे मौजूद
झापान के दौरान मुख्य रूप से मारकंड भकत, हरविंदर भकत, निरंजन भकत, शैलेंद्र गोप, नकुल गोप, धनपति भकत, बनमली भकत, अभिषेक गोप, कौशिक मंडल आदि मौजूद थे.