Ashok Kumar
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले का अद्धशहरी इलाका करनडीह चौक से आधा किलोमीटर की दूरी पर घाघीडीह सेंट्रल जेल बनाया गया है. इस जेल में गर्मी के दस्तक के साथ ही पानी की समस्या आन पड़ी है. इस समस्या का स्थायी समाधान जबतक नहीं निकलता है तब टैंकर के माध्यम से ही जेल में पानी की कमी को पूरी करने का निर्णय लिय गया है. वर्तमान में भाजपा नेता सह पूर्व जिला पाषर्द सह उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह तीन टैंकरों से पिछले पांच दिनों से 25 हजार लीटर पानी पहुंचा रहे हैं.
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जेल के भीतर है चार डिप बोरिंग
सेंट्रल जेल के भीतर कुल 4 डिप बोरिंग है. इसमें से एक भी बोरिंग काम नहीं कर रहा है. जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जेल के कैदियों-बदियों और कर्मचारियों के लिये भारी समस्या उत्पन्न हो गयी है.
उंचाई वाले जगह पर है सेंट्रल जेल
सेंट्रल जेल को जिस स्थान पर बनाया गया है वह स्थान काफी उंचाई पर है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि उंचाई के कारण ही जलस्तर नीचे चला गया है. जबतक लगातार बारिश नहीं होती है तबतक जेल मे पानी का हाहाकार मचा रहेगा.
समस्या से डीसी को भी कराया अवगत
घाघीडीह जेल में पानी की समस्या का मामला शनिवार को जिले की डीसी तक भी पहुंचा दिया गया है. डीसी को जो पत्र भेजा गया है उसमें कहा गया है कि जिला प्रशासन जुस्को के माध्यम से घाघीडीह जेल में पानी की आपूर्ति करने का काम करे.
16 साल पहले हुआ था जेल का उद्घाटन
शुरू से विवादों में रहे सेंट्रल जेल का उद्घाटन 16 साल पहले 2007 में किया गया था. मात्र 16 सालों में पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. उद्घाटन के पहले तक भवन पर भी सवालिया निशान खड़े किये गये थे. दीवार पर दरार पड़ जाने की भी शिकायत डीसी से की गयी थी. जेल का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने किया था.
कभी हुआ करता था रिमांड होम
जहां पर सेंट्रल जेल बनाया गया है वहां पर पहले कभी रिमांड होम हुआ करता था. आस-पास सरकारी जमीन की कमी नहीं होने के कारण और साकची का पुराना जेल छोटा पड़ जाने के कारण यहां पर सेंट्रल जेल बना दिया गया. तब साकची जेल के कैदियों को रख पाने में भारी कठिनाई होती थी. सेंट्रल जेल के बन जाने से कैदियों और बंदियों के रहने की समस्या का समाधान हो गया.
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