Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम के सारंडा जंगल के समठा गांव में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने पूर्व नक्सली नेलशन भेंगरा की गोली मारकर हत्या कर दी है. हत्या के बाद माओवादियों ने नेलशन भेंगरा के शव के पास पर्चा भी छोड़ा है. इस पर्चे पर माओवादियों ने नेलशन भेंगरा पर पुलिस के लिए मुखबीर के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है. इसी आरोप में उसकी हत्या की है. इस नक्सली हत्याकांड से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है. जानकारी के मुताबिक मंगलवार की रात दस बजे जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा गांव में नेल्सन भेंगरा को अचानक नकाबपोश हथियारबंद नक्सलियों ने घेर लिया और नेल्सन भेंगरा को घसीटते हुए पास के खेत की तरफ ले गए. उसके बाद नेल्सन भेंगरा की जमकर पिटाई की गई. फिर बंदूक सटाकर नेल्सन भेंगरा को तीन गोली मारकर हत्या कर दी गई. (नीचे भी पढ़ें)
यही नहीं नक्सलियों ने नेल्सन भेंगरा के मोबाइल समेत अन्य सामानों को भी पास में आग लगाकर जला दिया. मालूम हो कि नेल्सन भेंगरा काफी वक्त तक नक्सली संगठन में सक्रिय था. लेकिन इसके बाद उसने नक्सली संगठन छोड़ दिया. पिछले साल 2023 के 17 मई को नेल्सन भेंगरा को ओडिशा के राउरकेला पुलिस ने सरकारी विकास योजना के कार्य में लेवी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. दो महीने पहले ही वह जेल से छूट कर वापस अपने गाँव जराइकेला के समठा लौटा था. घरवाले बताते हैं नेल्सन ने जेल छूटने के बाद नक्सली संगठन में काम करना छोड़ दिया और पुलिस के लिए काम करना शुरू किया था. वह समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर आम आदमी की जिंदगी जीना चाहता था. उसने इस बीच पास के एक पुलिया निर्माण कार्य में नाईट गार्ड के रूप में काम करना भी शुरू कर दिया था. इसी दौरान मंगलवार को जब वह नाईट गार्ड की ड्यूटी पर जा रहा था तभी घात लगाये माओवादियों ने पुलिस की मुखबिरी के आरोप में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. हालांकि पुलिया निर्माण में लगे मुंशी मदन ने बताया है कि पिछले 20 दिन से नेल्सन नाईट गार्ड की ड्यूटी पर नहीं आ रहा था. (नीचे भी पढ़ें)
बताया जाता है की जैसे ही नेल्सन भेंगरा ने नक्सली संगठन छोड़ा उसके लिए आम आदमी की जिंदगी जीना मुश्किल हो गया. घरवालों के मुताबिक पुलिस मुखबिरी के कारण नेल्सन को जान गंवानी पड़ी है. अब घरवाले सरकारी मदद की मांग कर रहे हैं. नेल्सन की हत्या के बाद अब उसके घर में दो बेटा, एक बेटी और उसकी विधवा पत्नी है. नेल्सन ही घर का खर्च चलाता था. अब उसके नहीं रहने से उसके परिवार पर भरण पोषण की बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है. घरवालों की मांग है की उन्हें सरकार एक सरकारी नौकरी और मुआवजा दे. 12 साल बाद नक्सलियों ने सारंडा के इस ईलाके में हत्या से सनसनी फैला दी है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि नक्सलियों ने फिर से इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी है. इससे क्षेत्र मं खौफ का माहौल छा गया है.