Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन और निजी जमीन मालिक चंद्रमोहन बिरवा आम रास्ते को लेकर आपस में उलझ गए है. दरअसल कोल्हान विश्वविद्यालय के द्वारा वर्षो पहले अपनी बाउंड्री के बीच में आम रास्ता ग्रामीणों के लिए छोड़ा गया था और विश्वविद्यालय ने अपनी दूसरी बाउंड्री बना ली थी. इन्हीं दो बाउंड्री के बीच में आम रास्ता पड़ता है, जिससे ग्रामीण आना-जाना करते हैं. उस बाउंड्री के बाहर रेलवे से रिटायर्ड चंद्र मोहन बिरवा नामक व्यक्ति ने 2022 में जमीन की खरीद की. उसके बाद उस जमीन में निर्माण कार्य शुरू किया. मकान निर्माण के लिए उन्होंने कोल्हान विश्वविद्यालय की पुरानी बाउंड्री को तोड़कर आम रास्ते में दरवाजा निकाला, ताकि वह वहां से आना-जाना कर सकें और घर बनाने का सामान लाया जा सके.
विश्वविद्यालय प्रबंधन से ली थी अनुमति
इसको लेकर चंद्र मोहन बिरूवा ने बताया कि उन्होंने कोल्हान विश्वविद्यालय को लिखित आवेदन दिया था कि वह उनकी दीवार को तोड़कर वहां मकान बनाने का सामान रख रहे हैं. इसके लिए उन्हें अनुमति भी सितंबर माह में मिली थी, जिसके बाद उन्होंने फरवरी माह से मकान बनाने का काम शुरू किया.
अब रास्ता बंद करने का आदेश
अब अचानक कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन वहां आकर उस रास्ते को बंद करने के लिए आदेश दे रहे हैं. जिस पर उन्होंने अंचल अधिकारी को भी इस संबंध में जानकारी दी. अंचलाधिकारी ने मौके पर पहुंच कर वस्तुस्थिति को देखा और कहा कि यह नैतिकता नहीं है कि इस रास्ते को बंद किया जाए, जबकि यह रास्ता बरसों पहले खोला गया था और जो व्यक्ति भी अपनी जमीन में घर बना रहा है वह आना जाना कहां से करेगा, इसलिए इस रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है.
विश्वविद्यालय प्रबंधन अपने आदेश पर अड़ा
मगर कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन इस बात पर अड़ा हुआ है कि वह दीवार को बंद कर देगा. वही पत्रकारों से बात करते हुए कोल्हान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जयंत शेखर ने कहा कि जमीन मालिक के द्वारा अवैध रूप से दीवार तोड़ कर अपना रास्ता बनाया गया है और आम रास्ते में बिल्डिंग बनाने के मटेरियल रखकर रोड को जाम किया गया है.