चक्रधरपुर ।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा और सीमावर्ती ओड़िशा के इलाके में 12 वर्षों से सक्रिय भाकपा माओवादी एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने मंगलवार को चाईबासा में पुलिस के समक्ष अपना हथियार डालकर सरेंडर कर दिया है. वह रांची जिले के खेलारी थाना क्षेत्र का रहने वाला है. उसके खिलाफ पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न थानों में कई गंभीर मामले दर्ज हैं. हाल ही में घटित गोइलकेरा नक्सल कांड में भी उसकी संलिप्तता सामने आई थी. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत कुलदीप ने चाईबासा पुलिस लाइन में सिंहभूम (कोल्हान) प्रक्षेत्र के डीआईजी अजय लिंडा एवं सीआरपीएफ डीआईजी पूरन सिंह समेत अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष अपना हथियार डाला. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने कुलदीप गंझू के मुख्यधारा में आने का स्वागत किया.
सरकार की सरल आत्मसमर्पण नीति के कारण किया आत्मसर्पण : कोल्हान डीआईजी
इस मौके पर डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि नक्सल संगठन में शोषण, पुलिस की दबिश और सरकार की सरल एवं आकर्षक आत्मसमर्पण नीति की वजह से कुलदीप ने आत्मसमर्पण किया है. वहीं, सीआरपीएफ के डीआईजी पूरन सिंह ने माओवादियों के शीर्षस्थ नेताओं से आत्मसमर्पण करने की अपील करते हुए कहा कि सभी मुख्यधारा में आएं ताकि उनकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में पड़ने वाली बाधा दूर हो सके. इधर माओवादी एरिया कमांडर कुलदीप ने बताया कि नक्सल संगठन के बड़े नेताओं द्वारा छोटे नेताओं और सदस्यों का शोषण किया जाता है. इस शोषण और माओवादियों की गलत नीति के कारण ही उसे संगठन छोड़ने पर विवश होना पड़ा है. उसने भी अन्य सभी माओवादियों से भी मुख्यधारा में लौटने की अपील की.