Chaibasa : इस वक्त की बड़ी खबर सोनुआ से आ रही है, जहां एक युवक की पत्थर से कूचकर निर्मम हत्या कर दी गयी है. बताया जा रहा है की यह भी मामला बालू के अवैध कारोबार से जुड़ा है. पश्चिम सिंहभूम में बालू के अवैध कारोबार में हत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है.
घटना सोनुवा-चक्रधरपुर मुख्य मार्ग के बैधमारा पुलिया के सामने पुराने डायवर्सन के पास की है. यहां एक युवक की पत्थर से कुचकर हत्या कर दी गई है. घटना गुरुवार देर रात की बतायी जा रही है. मृतक युवक की पहचान ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने सोनुवा थाना क्षेत्र के महुलडीहा गांव के 26 वर्षीय युवक तरण महतो के रुप में की गयी है. पुलिस घटनास्थल पहुंच कर घटना की जांच में जुटी है. घटना स्थल के पास शराब की बोतल, ग्लास व एक होंडा बाईक रखा हुआ पाया गया है. प्रथम दृष्टया घटना स्थल को देखकर लगता है कि घटना के दौरान युवक अपने साथियों के साथ पार्टी कर रहा होगा. (नीचे भी पढ़ें)
इसी दौरान किसी बात को लेकर उसकी हत्या कर दी गयी होगी. खास बात यह है कि मृतक तरण महतो बालू के कारोबार से जुड़ा हुआ था. उसके ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई होती थी. लोग इस हत्याकांड को बालू के कारोबार से जोड़कर देख रहे हैं. मालूम हो कि कुछ दिन पहले भी गुदड़ी में दो युवकों की हत्या कर दी गयी थी. उस दौरान भी बालू कारोबार में वर्चस्व की लड़ाई सामने आई थी. पुलिस ने हत्याकांड को लेकर पीएलएफआई उग्रवादियों पर हत्याकांड को अंजाम देने का मामला दर्ज किया था. अब यह बालू कारोबार में दूसरे हत्याकांड का मामला सामने आ रहा है. अब यह जांच का विषय है की तरण महतो की हत्या के पीछे असल वजह क्या है और किसने उसकी हत्या की है. बहरहाल जिस तरह से बालू कारोबार से जुड़े युवकों की हत्या की घटना लगातार सामने आ रही है.
उससे यह समझना मुश्किल नहीं कि अब बालू के अवैध कारोबार में वर्चस्व की लड़ाई सोनुआ गुदड़ी आसपास के इलाकों में चरम सीमा पर पहुंच गयी है. यहां बालू के अवैध कारोबार में एकाधिकार के लिए धरती रक्तरंजित होने लगी है. बता दें कि रोजाना कई छोटे बड़े वाहनों में सोनुआ गुदड़ी, मनोहरपुर, गोईलकेरा और चक्रधरपुर में बालू की अवैध ढुलाई हो रही है. लेकिन इसे रोकने के लिए ना तो पुलिस कोई सख्त कार्रवाई करती है और ना ही खनन विभाग कोई सख्त कदम उठाता है. दोनों ही विभाग के सुस्त रवैये के कारण अब बालू को लेकर सोनुआ गुदड़ी में खुनी खेल शुरू हो चूका है. जिससे आम लोगों में भय का वातावरण बन गया है.