Chaibasa : चाईबासा में रामनवमी के दिन युद्ध कौशल का खेल दिखाने वाले अखाड़ा समितियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह विवाद की भेंट चढ़ गया. यहां महावीर मंडल के द्वारा पुरस्कार वितरण किया जा रहा था, उसी बीच बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के पदाधिकारी और सदस्यों ने पक्षपात व असम्मान का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार कर दिया. उसके बाद ज्यादातर अखाड़ा समितियों ने अपने पुरस्कारों वापस कर दिए और महावीर मंडल का जमकर विरोध किया. इस समारोह में पश्चिम सिंहभूम के डीसी अनन्य मित्तल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. वहीं, चाईबासा के एसडीओ शशीन्द्र बड़ाईक विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद थे. कार्यक्रम सौहार्पूर्ण वातावरण में जय श्रीराम के नारों के साथ ढोल-नगाड़ों की धुन पर चल रहा था. डीसी अनन्य मित्तल और एसडीओ शशीन्द्र बड़ाईक को तलवार, भगवा वस्त्र और प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. उसके बाद एक-एक कर सभी अखाड़ा समिति को सम्मानित करने का कार्यक्रम चल रह था. उसी बीच दुर्गा वाहिनी के महिला खिलाड़ियों को सम्मान समारोह में आयोजकों द्वारा अलग-थलग कर दिया गया. दुर्गा वाहिनी के कला कौशल को सम्मान नहीं दिए जाने से बजरंग दल के पदाधिकारियों का गुस्सा फूट पड़ा. बजरंग दल के पदाधिकारियों ने मंच पर चढ़कर इसका पुरजोर विरोध किया. बजरंग दल का कहना था कि इस साल पहली बार महिलाओं ने बड़ी संख्या में चाईबासा में अखाड़ा जुलुस में शामिल होकर रामनवमी की शोभा बढ़ाई और अपने कला कौशल से हिन्दू समाज की नारी शक्ति का ओजस्वी प्रदर्शन किया. बावजूद इसके ऐसी वीरांगनाओं को सम्मान नहीं दिया जाना उनकी भावनाओं को आहत करनेवाली बात है. इस दौरान महावीर मंडल पर सम्मानित होने वाले लिस्ट से भी छेड़छाड़ का आरोप लगा. विवाद इतना बढ़ा कि मामला धक्का-मुक्की तक जा पहुंचा. इस बीच डीसी और एसडीओ को भी मंच छोड़कर जाना पड़ा और इस तरह रामनवमी अखाड़ा जुलुस का सम्मान समारोह विवाद की भेंट चढ़ गया.