Chakradharpur : पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के कमलदेव गिरी हत्याकांड को लेकर गुरूवार को साटे गए गुमनाम पोस्टर से चक्रधरपुर में कमलदेव गिरी के परिवारवाले अपनी सुरक्षा को सशंकित हैं. परिवार वालों ने एक प्रेस वार्ता कर बताया है कि उनके परिवार के सभी सदस्यों की जान खतरे में है. प्रशासन उनके परिवार को सुरक्षा दे, नहीं तो परिवार के साथ कुछ भी घटना घटती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
पुलिस प्रशासन पर जांच में ढ़िलाई बरतने का आरोप
कमलदेव गिरि के बड़े भाई उमाशंकर गिरि ने पोस्टर को लेकर चक्रधरपुर के शौंडिक धर्मशाला परिसर में कहा कि पुलिस-प्रशासन कहती है कि हमने कमलदेव गिरि की हत्या को अंजाम देन वालों की गिरफ्तारी की है, तो प्रशासन यह स्पष्ट करे कि आखिर बीच बाजार में पोस्टर साटने वाली घटना को कौन अंजाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो, लेकिन पुलिस-प्रशासन द्वारा जांच को लेकर ढिलाई बरती जा रही है.
हत्या के पहले भी रखा गया था पर्चा
इस दौरान कमलदेव के बड़े भाई फूलनदेव गिरि ने कहा कि उनके छोटे भाई की हत्या से कुछ दिन पहले इकबाल गैंग के नाम से झुमका मोहल्ला निवासी श्याम तिवारी के घर पर्चा रखा गया था, जिसका सीसीटीवी फुटेज उस वक्त पुलिस को उपलब्ध कराया गया था. फिर भी पुलिस-प्रशासन ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की. नतीजा कुछ दिन बाद उनके भाई की हत्या कर दी गयी. अब फिर से परिवार पर खतरा मंडरा रहा है लेकिन प्रशासन सुरक्षा देने में नाकाम है.
सीबीआई जांच नहीं होने पर नाराजगी
कमलदेव गिरि की छोटी बहन पूजा गिरि ने भी जांच में लापरवाही बरते जाने व सीबीआई जांच नहीं होने को लेकर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि भाई की हत्या के कुछ दिन बाद उनके घर के बाहर उन पर पत्थर फेंका गया था, लेकिन अब तक उस मामले की भी जांच नहीं हुई. भाई की हत्या के बाद परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने के लिए बंगाल से अपराधियों के चक्रधरपुर आने की बात सामने आ रही है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
पूर्व में भी इकबाल गैंग के नाम रखा गया था पत्र
इस मौके पर मौजूद झुमका मोहल्ला निवासी श्याम तिवारी के पुत्र विशाल तिवारी ने कहा कि पूर्व में मेरे घर के बाहर इकबाल गैंग के नाम पत्र रखा गया था. इस मामले को लेकर जिला के पुलिस अधीक्षक से लेकर स्थानीय थाना को भी अवगत कराया गया था, लेकिन उस मामले में अब तक पुलिस ने उनके परिवार के सदस्यों से किसी तरह की पूछताछ नहीं की. एक बार फिर से उनके परिवार का नाम पोस्टर में लिखा जा रहा है. विशाल तिवारी ने पुलिस-प्रशासन से गंभीरता से मामले की जांच की मांग की है.
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