Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. मामला स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्राओं की जिंदगी को दांव पर रखकर रात के वक्त उनसे पानी ढ़ुलवाने का है. इससे नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
यह है मामला
सोनुआ प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत के बेगना गांव के पहाड़ पर बने इस मॉडल स्कूल भवन में पानी की बड़ी समस्या है. इस बीच यहां स्कूल की बच्चियों से प्रबंधन की ओर से काम करवाने का मामला सामने आया है. प्रबंधन पर आरोप है कि छात्राओं से रात के अंधेरे में बेगुना गांव से पानी भी ढुलाया जाता है. इसके मुताबिक हद तो तब हो गई जब पिछले दिनों आसमानी बिजली कड़क रही थी, बारिश हो रही थी और स्कूल की छात्राओं से स्कूल के लिए पानी ढुलवाया जा रहा था. वह भी एक-दो छात्राएं नहीं, बल्कि स्कूल में पढ़ने वाली सभी 250 छात्राओं को पानी ढ़ोने के काम में लगाया गया था. मालूम हो कि सोमवार की शाम झारखंड में बारिश ने दस्तक दी. उसी समय आसमान में बिजली की कड़कड़ाहट तेज थी. उसी बीच स्कूल की छात्राओं से पानी भरवाया जा रहा था. आवासीय विद्यालय की छात्रायें पहाड़ से उतरकर बेगुना गांव से पानी ढो रही थी. इसे देख ग्रामीण नाराज हुए. उनका कहना है कि स्कूल के गार्ड के नेतृत्व में सभी छात्राएं बेगना गांव से पानी ढो रही थी. कई खतरों के बीच छात्राएं पानी ढो रही थी.
ग्रामीणों ने करार दिया स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही
गोविंदपुर पंचायत मुखिया अमर सिंह सामड ने कहा कि स्कूल में पानी की समस्या होने की सूचना उन्हें नहीं है. यदि रहती तो समाधान करने का प्रयास करते. बारिश के साथ आसमानी बिजली कड़क रही है और अंधेरा है. ऐसे में बच्चियों से पानी ढुलाना सही नहीं है. ग्रामीण इसे स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही मान रहे हैं और बच्चियों की जान खतरे में रखकर इस तरह काम करवाने वाले दोषी लोगों पर अविलंब कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. बताया यह भी जाता है कि स्कूल में तीन बोरिंग है फिर भी इस स्कूल में पानी की समस्या बनी रहती है.
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