JHARKHAND POLITICS :झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति अब किस करवट लेनेवाली है यही लोग जानना चाह रहे हैं. चंपाई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है और उन्होंने राज्यपाल को अपना समर्थन पत्र भी सौंप दिया है. चंपाई ने सरकार बनाने का दावा भी किया है. अगर गुरुवार की शाम तक चंपाई सोरेन को सरकार बनाने के लिए बुलाया नहीं जाता है तो क्या होगा? ये भी जानने के लिए लोग उत्सुक हैं.
अगर राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने के लिए झामुमो को नहीं बुलाया जाता है तो हो सकता है कि झामुमो के सभी विधायकों को तेलंगाना ले जाया जा सकता है. इस प्लान पर भी भीतर से काम चल रही है.
पूर्व में ले जाया गया था छत्तीसगढ़
इसके पहले जब 2022 में हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला सामने आया था तब जेएमएम विधायकों को छत्तीसगढ़ में शिफ्ट किया गया था. तब भी राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बन गया था.
भाजपा गठबंधन भी कर रहा सरकार बनाने की तैयारी
झारखंड में जो राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल उत्पन्न हुआ है उसके बाद से भाजपा की एनडीए गठबंधन भी सरकार बनाने की तैयारी में है. हालाकि भाजपा गठबंधन के पास अभी मात्र 32 विधायक ही हैं. अगर भाजपा की ओर से झामुमो विधायकों को तोड़ने का काम किया जाता है तब भाजपा की भी सरकार बन सकती है, लेकिन अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी.
झामुमो ने सौंपा है 43 विधायकों को समर्थन पत्र
वहीं झामुमो की ओर से 43 विधायकों का समर्थन पत्र झारखंड के राज्यपाल को सौंपा गया है. झामुमो की ओर से भी अभी राज्यपाल के बुलावे की प्रतीक्षा की जा रही है.