JAMSHEDPUR : जी हां प्रिया दुबे जब जमशेदपुर में रेल एसपी के रूप में कार्यरत थीं तब उनके बारे में जवान यह कहते थे खाता न बही प्रिया दुबे जे कही वही सही. दो दशक पहले वह सुर्खियों में थीं. वह किसी की नहीं सुनती थी. मन की करती थी. आईपीएस प्रिया दुबे और उनके पति आरपीएफ डीआइजी संतोष दुबे के दिल्ली और रांची आवास पर ईडी की ओर से छापेमारी कर 1.46 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की गई है. सीबीआई की ओर से 10 जुलाई 2013 को आरपीएफ के तत्कालीन कमांडेंट संतोष दुबे व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उसी मामले में ईडी की ओर से छापेमारी की गई है.
सीबीआईकी ओर से आय से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच की थी. 1998 से लेकर 2013तक की वैध कमाई और अवैध कमाई को कंपाइल किया गया. इसमें पाया गया कि 2.65 करोड़ की संपत्ति दोनों के पास है.
कभी जमशेदपुर रेल जिला की एसपी थीं प्रिया दुबे
प्रिया दुबे की बात करें तो वह 18 सालों पूर्व जमशेदपुर रेल जिले में रेल एसपी के रूप में कार्य कर चुकी हैं. इसी तरह से उनके पति संतोष दुबे चक्रधरपुर रेल मंडल में कमांडेंट के रूप में काम कर चुके हैं.
कहां-कहां हुई छापेमारी और जब्ती
दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में 3 कर्मशियल शॉप, अशोक नगर में 30 लाख की जमीन को ईडी की ओर से जब्त की गई है. रांची में तीन फ्लैट है. जांच में पाया गया कि संतोष दुबे अपनी अधिकांश अचल संपत्ति अपनी पत्नी प्रिया दुबे और पिता शंकर दयाल दुबे के नाम पर खरीदी है.
जमशेदपुर में मनमानी का लगा था आरोप
रेल एसपी के रूप में जब प्रिया दुबे जमशेदपुर में योगदान दे रही थीं तब उनपर जीआरपी के जवानों ने मनमानी करने का आरोप लगाया था. कई को उनकी ओर से बर्खास्त भी किया गया था. इसपर जवानों ने कहा था कि खाता न बही प्रिया दुबे जे कही वही सही.
थाने के पुलिसवाले बन गये थे नौकर
रेल एसपी के रूप में जब प्रिया दुबे जमशेदपुर में थीं तब उनकी ओर से थाने के जीआरपी जवानों से दूध निकलवाया और ढोकर बेचवाने का भी काम कराया जाता था. कुल मिलाकर वे चक्रधरपुर आवास पर नौकर का काम करते थे. दो दशक पूर्व तब स्टिंग ऑपरेशन में दैनिक हिन्दुस्तान अखबार में इसका खुलासा हुआ था.