ASHOK KUMAR
जमशेदपुर : भले ही बाघ को सरायकेला-खरसावां जिले में देखा गया है, लेकिन इसकी दहशत पूरे कोल्हान में है. बाघ कब कहां पहुंच रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. वन विभाग भी पंजे की छाप से आशंका व्यक्त कर रहा है. अब जबकि 12 साल के बच्चे के बारे में बताया जा रहा है कि उसने बाघ को देखा है, लेकिन वह भी इस बारे में कुछ बोल नहीं पा रहा है. अब सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर बच्चे ने बाघ को कैसे देखा और बाघ के चंगूल से बच्चा कैसे बच निकला? लोग इसपर भी आपस में मंथन कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि उन्हें सिर्फ आशंका है.
सीसीटीवी कैमरे में नहीं कैद हो रही तस्वीर
बाघ की चहल-कदमी को कैमरे में कैद करने के लिए जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, लेकिन कैमरे में बाघ नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में वन विभाग का अमला भी खासा परेशान है. क्या सही में बाघ क्षेत्र में घूम रहा है.
मॉर्निंग वाक में निकलने वाले लोगों में भी है दहशत
बाघ की सूचना पर सुबह-सुबह मॉर्निंग वाक में निकलने वाले लोगों में भी दहशत का माहौल है. वे सिर्फ बाघ की ही चर्चा कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि बाघ कभी भी कहीं पर भी जा सकता है.
अबतक बाघ की संभावाएं
बालीडीह, तुलग्राम, खूंटी, मुरसीबेड़ा और कुरली के जंगलों में बाघ होने की संभावाएं व्यक्त की जा रही है. इन ईलाके के लोगों को भी वन विभाग जागरूक कर रहा है. वन विभाग ने साफ कहा है कि लोग सावधान और सतर्क रहें.
बैल और बछड़े का शिकार करने करने की आशंका
गांव को लोगों को लग रहा है कि बैल और बछड़े का शिकार अबतक बाघ ने किया है. इन गांवों में रहने वाले लोग तो पूरी तरह से दहशत में हैं. सूरज ढलते ही लोग घरों में कैद होने को विवश हो रहे हैं. वन विभाग का अमला भी अंधेरे में ही तीर मार रहा है.
