जमशेदपुर : हावड़ा-टाटा स्टील डाउन एक्सप्रेस ट्रेन पर 20 जनवरी की रात टाटानगर रेलवे स्टेशन से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर ही पथराव किया गया. बावजूद पथराव करने वालों का पता आरपीएफ की ओर से नहीं लगाया जा सका है. आरपीएफ की ओर से दंभ भरा जाता है कि सुरक्षा व्यवस्था टाईट रहती है, लेकिन एक नहीं बल्कि तीन-तीन कोच पर पथराव किया गया. बावजूद नतिजा सिफर ही रहा है.
क्या कह रहे हैं ट्रेन से उतरे यात्री
स्टील एक्सप्रेस ट्रेन से टाटानगर रेलवे स्टेशन पर उतने वाले यात्रियों का कहना था कि घटना के समय ट्रेन को रोककर पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी. यात्री भी पूछ रहे हैं कि आखिर आरपीएफ कहां थी.
अनहोनी घटना होने पर होती है चेन पुलिंग
आम तौर पर अगर किसी ट्रेन के भीतर या बाहर अनहोनी घटना घटित होती है तो ट्रेन की चेन पुलिंग की जाती है, लेकिन स्टील एक्सप्रेस ट्रेन के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. ट्रेन रफ्तार में ही सरपट दौड़ती रही.
जान-माल की क्षति नहीं
घटना आसनबनी से लेकर राखामाइंस स्टेशन के बीच की है. इस बीच की दूरी करीब 5 किलोमीटर है. इसमें से सिर्फ राखामाइंस स्टेशन पर ही ट्रेन की स्टोपेज दी गई है.
कौन थे पथराव करने वाले
अब चर्चा यह हो रही है कि आखिर ट्रेन पर पथराव करने वाले कौन लोग थे? उनकी मंशा क्या थी? आखिर ट्रेन पर इस तरह से आक्रोश फूटने का मतलब क्या है?
जानिए आरपीएफ कमांडेंट ने क्या कहा
पूरे मामले में चक्रधरपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट पी कुट्टी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि पथराव की घटना मेरे क्षेत्र के बाहर की है. वह खड़गपुर रेल मंडल में पड़ता है. इससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है. एक सवाल के जवाब में कहा कि ट्रेन पर घाटशिला की आरपीएफ स्कॉट कर रही थी.