LOK SABHA ELECTION : भाजपा की एनडीए की ओर से झारखंड में अपने प्रत्याशियों की घोषणा पहले से ही कर दी गई है. अब इंडिया गठबंधन की घोषणा का लोग इंतजार कर रहे हैं. झामुमो की ओर से सिंहभूम और जमशेदपुर सीट से किसे प्रत्याशी बनाया जाएगा. लोग यह जानना चाह रहे हैं. सिंहभूम और जमशेदपुर लोकसभा सीट के लिए जिन्हें इसका जिम्मा दिया गया है वे सब जानते हैं कि किसे टिकट देना है.
जमशेदपुर सीट की बात करें तो क्रिकेटर सौरभ तिवारी भी कतार में खड़े हैं, लेकिन झामुमो पैनल इस बात पर अपना ज्यादा ध्यान केंद्रीत कर रही है कि क्या सौरभ मैदान मार सकेंगे? आदिवासी बहूल क्षेत्र के लोगों की पहली पसंद बन सकते हैं?
दल-बदलू को झामुमो नहीं देगी टिकट
जब कोल्हान की कमान कोल्हान टाईगर चंपाई सोरेन को दे दी गई है तब किसी दल-बदलू को सिंहभूम और जमशेदपुर लोकसभा से तो टिकट नहीं दिया जाएगा. यह फैसला पहले से ही कर लिया गया है. जब कुणाल षाड़ंगी का नाम सामने आया था तब ही पार्टी के नेताओं ने इसको लेकर स्पष्ट जवाब दिया था.
हेमंत के कारण फैसला लेने में परेशानी
शिबू सोरेन के अस्वस्थ होने और हेमंत सोरेन के जेल में होने के कारण झामुमो नेतृत्व को सिंहभूम और जमशेदपुर सीट पर फैसला लेने में परेशानी हो रही है. झामुमो यह मानकर चल रही है कि वैसे नेता को टिकट देना है जो जीत हासिल कर सके.
2009 से भाजपा के पाले में है जमशेदपुर सीट
जमशेदपुर सीट की बात करें तो 2009 से ही भाजपा के पाले हैं. 2009 में अर्जुन मुंडा सांसद बने थे. इसके बाद 2014 और 2019 में विद्युत वरण महतो ने चुनाव जीता. विद्युत महतो झामुमो छोड़कर 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे. तीसरी बार भी भाजपा की ओर से उन्हें ही टिकट दिया गया है. 2004 में झामुमो से सुनील कुमार महतो ने चुनाव जीता था.
सिंहभूम सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस ने किया है राज
सिंहभूम सीट की बात करें तो सबसे ज्यादा बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने ही अपनी जीत दर्ज की है. इसमें स्व. बागुन सुंब्रुई की बात करें तो वे कांग्रेस की टिकट पर 3 बार सांसद बने जबकि जनता पार्टी और झारखंड पार्टी की टिकट पर दो बार सांसद चुने गए थे. 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मधु कोड़ा ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद उनकी पत्नी गीता कोड़ा को कांग्रेस की ओर से 2019 में टिकट दिया गया था और उन्होंने भी जीत दर्ज की थी.