जमशेदपुर : मानगो में आनंद विहार कॉलोनी के मुहाने पर अवैध रूप बन रहा बहुमंजिला इमारत किसका है? यह सवाल एक बार फिर सोशल मिडिया पर उठने लगा है. इस मामले में मानगो नगर निगम का रवैया भी सवालों के घेरे में है. क्या वह बहुमंजिला इमारत राज्य के किसी मंत्री या विधायक का है? या किसी ऐसे रसूखदार का है, जिसके आगे नगर निगम और प्रशासन की कोशिश से भी बौनी साबित हो रही है. सोशल मीडिया पर जारी चर्चा पर गौर करें तो यह निर्माण कार्य के ठीक उसी जगह के पास हो रहा है जहां टायर गोदाम में आग लगी थी. दबी जुबान निर्माण कार्य करवाने वाले शख्स के नाम की भी चर्चा होने लगी है. यह भी बताया जा रहा है कि इस इमारत में किसी राजनीतिक दल विशेष से जुड़े शख्स का स्थाई कार्यालय बन रहा है. हैरानी इस बात को लेकर जताई जा रही है कि जिस जमीन पर निर्माण कार्य हो रहा है वह पूरी तरह से आदिवासी की जमीन पर है. इतना ही नहीं, उक्त स्थल से मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी के आवास की दूरी मात्र 100 मीटर की है. उस रास्ते से कार्यपालक पदाधिकारी लगातार आना-जाना करते हैं. मामला जब सोशल मीडिया पर कुछ दिन पूर्व उठा तो कार्यपालक पदाधिकारी ने नीचे के अधिकारियों को एक चिट्ठी निकालकर आदेश दिया कि पूरे क्षेत्र में जो भी कार्य हो रहे हैं उसकी जानकारी दीजिए. चिट्ठी निकलते ही नीचे के अधिकारियों ने कार्यस्थल पर जाकर कार्य निर्माण कार्य नहीं करने की बात जरूर कही. लेकिन चर्चा इस बात की भी है कि उसके ठीक बाद कार्यपालक पदाधिकारी को रांची बुलाकर हर हाल में काम करवाने की बात की गई. इस बीच 8 की संख्या में मजदूरों का मकान के अंदर जाकर काम करने का मामला भी क्षेत्र में सुर्खियों में बना हुआ है. वहां चौकीदार भी मुस्तैद था, ताकि कहीं कोई तस्वीर ना खींच ले. इस मामले को लेकर हो रही चर्चा के मुताबिक आदिवासी जमीन पर इस तरह से कार्यपालक पदाधिकारी के घर के बगल में बहुमंजिला इमारत बनने से कहीं ना कहीं नगर निगम के कानून को पलीता लगा रहा है.