पूर्वी सिंहभूम : 12 जनवरी 2019 को कोवाली थाना क्षेत्र के नाचोसाई में 12 एकड़ पहाड़ी जमीन का लीज का विरोध कर रहे ग्रामीणों लाठी चार्ज करने और घायल सुरपी सरदार (50) की इलाज के बाद मौत होने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली की टीम ने जांच की.
लाठी चार्ज के दौरान धक्का मुक्की में महिला की गंभीर अवस्था में दो दिनों के बाद अस्पताल में महिला की मौत हो गई थी. साथ ही कई महिलाएं घायल हो गई थी. पत्र के माध्यम से दोषी पदाधिकारी व पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी.
टीम ने दोनों का सुना पक्ष
राष्ट्रीय मानव अधिकार की सुचित्रा सिन्हा और (भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत पदाधिकारी) टीम द्वारा लगातार दो दिनों से नाचोसाई और प्रखंड कार्यालय में दोनों पक्ष को सुना गया. पेसा एक्ट का उल्लंघन करने तथा देवस्थान को लीज दिए जाने का विरोध ग्रामीण कर रहे थे.
लीज देने के बाद की गई थी ग्राम सभा
बबीता सरदार और जयपाल सिंह सरदार ने कहा कि पहले लीज ले लिया गया. बाद में ग्राम सभा की गई. ग्राम सभा पहले होनी थी. इसके बाद लीज की प्रक्रिया होनी थी. यहां ऐसा नहीं किया गया. इसी को लेकर लोग विरोध कर रहे हैं.
रामकृष्ण सरदार बन गए ग्राम प्रधान
दूसरे पक्ष में नाचोसाई के पूरन सरदार ने कहा कि मैं ग्राम प्रधान हूं. 2017-2018 में ग्रामीणों द्वारा ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम सभा कर लीडिंग कंस्ट्रक्शन को लीज दिया गया था.| 3 साल कार्य करने के बाद अपने को ग्राम प्रधान कहने वाले रामकृष्ण सरदार द्वारा जनता कर्फ्यू ग्रामीणों के सहायता से लगाकर कार्य को बंद कर दिया गया. गांव के ही नियति सरदार और अंजना सरदार ने कहा कि लीज होना चाहिए. इससे लोगों को रोजगार मिल रहा था. लीज स्थान में किसी तरह का देव स्थल नहीं है. इसलिए इसका खनन होना चाहिए.