Home » तकनीक के क्षेत्र में आगे आ रही हैं महिलाएं : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मेसरा के प्लेटिनियम जुबली समारोह में की शिरकत
तकनीक के क्षेत्र में आगे आ रही हैं महिलाएं : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मेसरा के प्लेटिनियम जुबली समारोह में की शिरकत
RANCHI : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूआज रांची के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा के प्लेटिनियम जुबली समारोह में शामिल हुईं. वह मौके पर बतौर मुख्य अतिथि थीं. उहोंने कहा कि महिलाएं भी तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में युवाओं की भूमिका का भी उल्लेख किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज बीआईटी मेसरा के शानदार उपलब्धियों पर गर्व करने का दिन है. आज टेक्नोलॉजी ने काफी प्रगति की है. इसमें सबसे बड़ा परिवर्तन एआई, एनीमेशन जैसी चीजों ने लाया है. विकसित भारत के निर्माण में इसका बड़ा योगदान है. केंद्र सरकार अभी एआई को एकीकृत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. बीआईटी मेसरा ने इससे संबंधित पाठ्यक्रम में शुरू करके बड़ा कदम उठा है. विकसित भारत के निर्माण में युवाओं का उत्साह और प्रतिबद्धता मील का पत्थर साबित होगा. हमारी बेटियां विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, गणित में पीछे नहीं हैं. उद्यमियों को पारंपरिक समुदायों के ज्ञान के आधार की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले छात्रों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने कई छात्र-छात्राओं से बात भी की.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है
बीआईटी मेसरा के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने महिला शिक्षा पर जोर दिया. इसके साथ ही तकनीक के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है. उदघाटन सत्र के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुसंधान एवं विकास प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया. इसमें संस्थान के संकाय और छात्रों द्वारा अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया था.
लड़कों से बेहतर कर रही हैं लड़कियां : गंगवार
कार्यक्रम को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नये भारत में लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.
छात्रों को किया गया पुरस्कृत
बीआईटी मेसरा के 70वें स्थापना दिवस पर प्रतिष्ठित पूर्ववर्ती छात्रों और प्रतिष्ठित पूर्ववर्ती शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया गया. संस्थान के समृद्ध इतिहास को रेखांकित करती स्थापना दिवस स्मारिका जारी की गयी. राष्ट्रपति ने इस दौरान संस्थान का स्मारक पदक भी जारी किया. मौके पर समूह के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष सीके बिड़ला, बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रोफेसर डॉ इंद्रनील मन्ना, रजिस्ट्रार प्रोफेसर डॉ संदीप दत्ता और पूर्व छात्र और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग की डीन प्रोफेसर डॉ श्रद्धा शिवानी ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
1955 में हुई थी बीआईटी मेसरा की स्थापना
1955 में बीआईटी मेसरा की स्थापना संस्थान के संस्थापक बीएम बिड़ला ने की थी. उन्होंने देश के विकास के लिए इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के महत्व को सही ढंग से समझा. तब से बीआईटी ने एक लंबा सफर तय किया है. बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को तैयार किया है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता से संस्थान और देश का नाम रोशन किया है. संस्थान निरंतर नये नवाचारों और अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. इसे विश्व स्तर पर विशिष्ट बनाता है.