सरायकेला-खरसावां : सखुआ के फुल की सुगंध, नगाड़ा एवं मांदर की थाप पर आदिवासी महिलाएं सरहुल गीत पर जमकर थिरकी। चांडिल के रूचाप स्थित धातकीडीह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ननिहाल में आस्था एवं परंपरा के साथ बाहा बोंगा पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। धातकीडीह के अलावे कांगलाडीह स्थित जाहेरथान, गांगुडीह स्थित जाहेरथान एवं कटिया स्थित जाहेरथान में पारंपरिक तरिके से बाहा बोंगा मनाया गया। कांगलाडीह में नायके बाबा गोविन्द हेम्ब्रम एवं मांझी बाबा बाजार हेम्ब्रम ने इष्ट देव मरांग बुरु जाहेर आयो की सखुआ के फुल से पूजा अर्चना की। इस दौरान नायके बाबा ने मुर्गी एवं बकरा की बलि दी। ग्रामीणों की मान्यता है कि आदिकाल से प्रकृति उनकी रक्षा की है,वर्तमान समय में भी प्रकृति उनलोगों की रक्षा करेंगे। तथा मरांग बुरु की पूजा-अर्चना करने से क्षेत्र में सुखशांति एवं समृद्धि आएगी तथा गांव को महामारी एवं दुर्भिक्ष कभी नहीं आएगी। झामुमो नेता सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि मारांग बुरू एवं जाहेर आयो का हमेशा से आशिर्वाद रहा है। इन्हीं के आशिर्वाद के फलस्वरूप गांव एवं समाज कई बीमारियों से सुरक्षित रहा तथा क्षेत्र में सुख शांति एवं समृधि बनी रही। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मामा चारू चंद्र किस्कू, सुखराम हेम्ब्रम, नेपाल बेसरा, दिलीप किस्कू, रघु किस्कू, राजू किस्कू आदि उपस्थित थे।