ईचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ और कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र में धूमधाम से दुर्गा उत्सव का आयोजन किया गया. मंदिरों व पंडालों में नव पत्रिका व कलश का विसर्जन किया गया. महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर लगाकर सुहागिन महिलाओं ने एक-दूसरे पर सिंदूर लगाकर सिंदूर खेला खेला. आबार एसो के जयकारे के साथ नवपत्रिका व मूर्ति का विसर्जन किया गया.
डोली में लेकर गए थे नदी
प्राचीनकालीन प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर डुमरा में माझी बाड़ी दूर्गा पूजा में नव पत्रिका को डोली में नदी ले जाकर विसर्जित किया गया. डोली के नीचे सैकड़ों महिला, पुरूष लेटकर मां को विदा किया. श्रद्धालुओं जमीन पर ऐसे लेटे कि डोली ले जानेवाले आदमी पर ही चलकर पार होना पड़ा.
महामाया को दी विदाई
महिलाओं ने सिंदूर खेला खेलकर मां से सदा सुहागिन रहने की कामना की. एक-दूसरे को विजया दशमी का शुभकामनाएं दी. नम आंखों से मां महामाया को विदा किया. बंगाली परम्परा के अनुसार मां दुर्गा को बेटी की तरह सिंदूर लगाकर विदाई दी गई. बंग समुदाय में सिंदूर खेला का विशेष महत्व है. वहीं क्षेत्र में धूमधाम के साथ दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. दो चार मूर्ति छोड़कर अधिकांश मुर्तियों को विसर्जित किया गया.