Jamshedpur : शहर के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान एक्सएलआरआई के प्लैटिनम जुबली समारोह का आयोजन स्थानीय टाटा ऑडिटोरियम में रविवार को किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मौजूद रहे. उन्होंने टाटा स्टील के ग्लोबल सीइओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन, एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, डीन एडमिन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा, डीन एकेडमिक प्रो संजय पात्रो के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान के लिए सफलता पूर्वक 75 साल पूरे करना बड़ी बात होती है. लेकिन जब किसी संस्थान के 75 साल होने के बाद भी जब उसके प्रति लोगों में सम्मान का भाव रहे तो यह वाकई में गौरवान्वित करने वाली बात होती है. उन्होंने एक्सएलआरआई को उत्कृष्टता और राष्ट्र निर्माण के 75 वर्ष पूरे करने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि एक्सएलआरआई अकादमिक उत्कृष्टता, नैतिक नेतृत्व, व्यापक भलाई के प्रति प्रतिबद्धता की गहरी भावना पैदा करने के प्रतीक के रूप में खड़ा है. यह संस्थान प्रबंधन शिक्षा में हमारे देश के पहले बिजनेस स्कूल के रूप में गौरवपूर्ण स्थान रखता है. पिछले 75 वर्षों में इसने ऐसे बिजनेस लीडर तैयार किए जो न केवल सफल लीडर हैं, बल्कि दयालु इंसान भी हैं, जो नि:स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने के लिए तैयार हैं. एक्सएलआरआई ने ऐसे बिजनेस लीडर को तैयार करके भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जो न केवल आर्थिक प्रगति करने में सक्षम हैं, बल्कि हमारे समाज के नैतिक मूल्यों और इसकी जरूरतों का पोषण करने में भी सक्षम हैं. (नीचे भी पढ़ें)
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस समय भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी है, लेकिन इस दशक के अंत तक यानी 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगी. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भी यह माना है कि डिजिटल समावेशन के लिए भारत ने 6 वर्षों में जो हासिल किया है. उसे करने में दुनिया को आमतौर पर 47 साल लग जाते हैं. यह संभव हो पाया है जवाबदेह व पारदर्शी गर्वनेंस मॉडल के कारण. श्री धनखड़ ने कहा कि भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम इतना शानदार है कि इसे सिंगापुर जैसे देश ने भी अपनाया. यूपीआई लेनदेन के मामले में भारत अकेले यूके, यूएस, जर्मनी और फ्रांस की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के डिजिटल भुगतान को पार करते हुए 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. हमारा लेन-देन इन देशों के लेन-देन से 4 गुना अधिक होता है. (नीचे भी पढ़ें)
हमारी प्रति व्यक्ति मोबाइल डेटा खपत एक महत्वपूर्ण संकेतक है. यह तकनीकी पहुंच को दर्शाता है. इसके व्यापक उपयोग का मतलब है कि गांवों, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में लोगों ने इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है. बैंकों को सोना और अब हमारा विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 600 बिलियन है, एक बड़ी उपलब्धि है. आज हम चौथी औद्योगिक क्रांति की दहलीज पर खड़े हैं. यह वास्तव में एक परिवर्तनकारी युग है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से प्रेरित है. (नीचे भी पढ़ें)