JHARKHAND NEWS :पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और अब झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अब चर्चा यह हो रही है कि इसके बाद अब कौन है रडार पर. इसका खुलासा भी जल्द ही ईडी की ओर से कर दिया जाएगा. पीएमएलए कोर्ट से ईडी की ओर से मंत्री आलमगीर आलम को रिमांड पर लिया जाएगा. रिमांड पर लेने के साथ ही पूछताछ शुरू की जाएगी. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के तार और कहां-कहां तक जुड़े हुए हैं इसका भी खुलासा बारी-बारी से होने लगेगा.
आलमगीर आलम के सचिव संजीव लाल के सहायक जहांगीर आलम की सैलरी 15 हजार रुपये है, लेकिन उसके आवास से छापेमारी के दौरान 32 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मिले हैं. पूछताछ में पता चला कि संजीव ने इस रुपये को जहांगीर के पास रखवाया था. यह रुपये कमीशन के थे. जहांगीर पहले एमआर का काम करता था. जहांगीर और संजीव की जान-पहचान पिछले 15 सालों की है.
संजीव के कारण जहांगीर की नजदीकियां आलमगीर से बढ़ी
पूरे प्रकरण में बताया जा रहा है कि संजीव लाल के कारण ही जहांगीर की नजदीकियां आमलगीर आलम के साथ बढ़ी थी. जहांगीर का ससुराल जामताड़ा में है. इस कारण से भी जहांगीर आलमगीर के संपर्क में है.
बरामद रुपये कमीशन के
जहांगीर आलम और संजीव लाल को गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद यह साफ हो गया है कि बरामद रुपये कमीशन के हैं. इसके अलावा छापेमारी के दौरान कई कागजात भी बरामद किए गए थे. कागजातों में रुपये देने वाले और पैरवीकारों का भी नाम शामिल है.
ट्रांसफर-पोस्टिंग की फाइलें भी आई हाथ
ईडी की छेपमारी में ट्रांसफर-पोस्टिंग की भी कई फाइलें हाथ लगी थी. इसके अलावा सड़क निर्माण से जुड़ी फाइलों को भी बरामद किया गया था. मामले में कई नए चेहरे भी आगे चलकर सामने आ सकते हैं. उनके यहां भी छापेमारी और उनकी गिरफ्तारी हो सकती है.