JHARKHAND NEWS :झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के पहले से ही कांग्रेस बैकफुट पर थी. अब गिरफ्तारी के बाद तो इसके विरोध के स्वर भी नहीं फूट रहे हैं. कहीं से भी किसी तरह की आंदोलन करने तक की सूचना नहीं है. ऐसा लग रहा है मानो इंडिया गठबंधन को सांप सूंघ गया है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के समय तो खूब हो-हंगामा हुआ था, लेकिन मंत्री आलमगीर के पक्ष में कोई बोलने वाला ही नहीं है.
राजमहल, गोड्डा और दुमका चुनाव पर पड़ सकता है प्रभाव
आलमगीर की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के गोड्डा, राजमहल और दुमका लोकसभा चुनाव पर प्रभाव पड़ सकता है. आलमगीर संताल के लिए एक बड़ा अल्पसंख्यक चेहरा हैं. संताल के मतदाता इसे किस रूप में लेते हैं. इसका नफा-नुकसान आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.
कांग्रेस के किसी भी बड़े कार्यक्रम में नहीं बुलाया
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के राहुल गांधी कई बार झारखंड आए और चुनावी सभा को संबोधित किया, लेकिन आलमगीर को किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था. 5 मई से ही कांग्रेस बैकफुट पर आ गई थी. आलमगीर को भी इसका आभास हो चुका था.
तीन बार पाकुड़ से रहे विधायक
आमलगीर आलम तीन बार पाकुड़ विधानसभा से विधायक रहे हैं. पहली बार 2000 में उन्होंने चुनाव जीता था. तब बिहार में राबड़ी देवी की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था. 2006 में वे विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए थे. 2009 में वे चुनाव हार गए थे, लेकिन 2014 और 2019 में उन्होंने जीत हासिल की थी. झारखंड में जब हेमंत सोरेन की सरकार बनी थी तब आलमगीर को संसदीय कार्य मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया था.
होटवार जेल पहुंचे आलमगीर
पीएमएलए कोर्ट में पेशी को बाद ईडी आलमगीर को रांची के होटवार जेल लेकर गई. यहां से उन्हें पूछताछ के लिए ईडी लेकर जाएगी. आलमगीर 6 दिनों की रिमांड पर हैं.