INSIDE JHARKHAND DESK : ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने इडोब्रो इम्पैक्ट सॉल्यूशंस के सहयोग से पाक प्रतियोगिता ‘मेरी पौष्टिक रसोई’ के छठे सीजन के सफल समापन की घोषणा की. इस अखिल भारतीय पहल का उद्देश्य पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों के उत्सव और प्रचार के माध्यम से कुपोषण से मुकाबला करना था. साथ ही इसका मकसद देशभर में खान-पान की स्वस्थ और बेहतर आदतें अपनाने के लिए समुदायों को सशक्त बनाना भी है. फरीदाबाद उत्तर प्रदेश की रहने वाली सीमा सेतुमाधवन ‘मेथी दाना सब्जी’ के साथ खुली श्रेणी की विजेता रहीं.
24 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों से 800 से अधिक प्रविष्टियां आई थी. 250 से अधिक कस्बे और शहर की थी. इनमें लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्रविष्टियां और जम्मू और कश्मीर से पहली बार भागीदारी भी शामिल है. प्रतिभागियों में एनजीओ, पेशेवर, छात्र और ओपन/व्यक्तिगत कला का प्रदर्शन किया.
पाक कला की उत्कृष्टता का जश्न
एक कड़ी चयन प्रक्रिया, जिसका समापन 25 फाइनलिस्ट्स के साथ रमानाथ पय्याडे कॉलेज ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई में एक भव्य कुक-ऑफ प्रतिस्पर्धा के रूप में हुआ. सेलिब्रिटी शेफ गौतम महर्षि, अनुराधा शेखर, डॉ. बीएमएन कॉलेज के पूर्व वाइस प्रिंसिपल और शेफ योगेश उटेकर, प्रिंसिपल आरपीएच इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी स्टडीज सहित एक प्रतिष्ठित ग्रैंड जूरी ने पोषण, नवाचार और खाना पकाने के जुनून पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यंजनों का मूल्यांकन किया.
विरासत को संरक्षित करने की पहल
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कॉर्पोरेट सर्विसेस चेरिल पिंटो ने कहा कि ग्लेनमार्क फाउंडेशन में हमने हमेशा खान-पान संबंधी अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और इसका जश्न मनाने का प्रयास किया है. आधुनिक जीवनशैली के कारण अक्सर हमारी समृद्ध विरासत प्रभावित होती है. ‘मेरी पौष्टिक रसोई’ के माध्यम से हमने कुपोषण जैसे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दों को दूर करने में पारंपरिक खान-पान के गहरे असर को सामने लाने की कोशिश की है. यह पहल सिर्फ व्यंजनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि हमारे समुदायों के सामने आने वाली पोषण संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए खान-पान की स्वस्थ और बेहतर आदतों की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में भी काम करती है.
पोषण के प्रति जुनून का किया प्रदर्शन
डॉ. बीएनएम कॉलेज की सेवानिवृत्त प्रिंसिपल और जूरी की सदस्य अनुराधा शेखर ने कहा कि रेसिपीज न केवल देखने में प्रभावशाली थी, बल्कि अत्यधिक पौष्टिक, नवीन और प्यार से बनाई गई थी. फाइनलिस्ट्स ने वास्तव में खाना पकाने और पोषण के प्रति अपने जुनून का प्रदर्शन किया. इडोब्रो इम्पैक्ट सॉल्यूशंस के चीफ इम्पैक्ट ऑफिसर और एमडी करोन शैवा ने कहा कि यह पहल उद्योग, नागरिक समाज, शिक्षा और सरकार के बीच सहयोग का उदाहरण प्रस्तुत करती है. आवश्यक 4 प्रमुख हितधारक समूहों की सहायता से ही हम ‘मेरी पौष्टिक रसोई’ के मकसद को हासिल कर सकते हैं. दीर्घकालिक परिणामों के लिए आपसी सम्मान और विश्वास सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक की भूमिका को समझना और भी महत्वपूर्ण है.
ये रहे विजेता
एनजीओ श्रेणी में गुजरात से पवन कुमार ‘बाजरा गुट्टा करी’ के साथ, व्यावसायिक श्रेणी में झारखंड की सबिता मोहालिक ‘मोरिंगा ड्रमस्टिक पल्प पैटीज और केले के फूल की चटनी’ के साथ. खुली श्रेणी में उत्तर प्रदेश से सीमा सेतुमाधवन ‘मेथी दाना सब्जी’ के साथ. छात्र श्रेणी में महाराष्ट्र से सालिहा चौधरी ‘रागी मुद्दे सोप्पु सर्रू और पल्या’ के साथ. कुपोषण से लड़ने के लिए ग्लेनमार्क फाउंडेशन का समग्र दृष्टिकोण बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को लक्षित करता है और विभिन्न कार्यक्रमों और प्रयासों के माध्यम से कुपोषण से लड़ने के लिए एक साथ अनेक मोर्चे पर काम करता है.